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लोकसभा : स्पीकर की सर्वदलीय बैठक में विपक्ष से पहुंची मात्र तीन पार्टियां, 18 जुलाई से शुरू होगा मॉनसून सत्र  

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डेस्क:
लोकसभा अध्यक्ष(Loksabha speaker) ओम बिरला(Om birla) ने संसद के मानसून सत्र शुरू होने से दो दिन पहले शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में कहा गया कि 17वीं लोकसभा(Lok sabha) का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। ओम बिरला ने कहा कि हमने सभी दलों के नेताओं के साथ चर्चा की है। चर्चा के दौरान नेताओं से कहा है कि देश के मुद्दों पर चर्चा हो और सदन मर्यादा से चले एवं सबका सहयोग हो, ताकि देश की आकांक्षा पूरी की जा सके। लेकिन, आज की बैठक में ज्यादातर विपक्षी पार्टियों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। इस बारे में एक  निजी चैनल न्यूज़ 18 ने सवाल किया तो ओम बिरला नमस्कार करके चले गए। टीएमसी, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, बीएसपी, बीजद, माकपा, झामुमो, टीआरएस, टीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस, अकाली दल और दूसरी पार्टियों से कोई भी नेता बैठक में मौजूद नहीं रहा।

आजादी के 75वें साल का सत्र पर हो सकारात्मक और सार्थक चर्चा
लोकसभा अध्यक्ष ने सभी दलों से सदन की कार्यवाही में सहयोग और विधेयक पर चर्चा करने के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा कि सभी दलों के नेताओं से अपेक्षा की जाती है कि आजादी के 75वें साल का सत्र है। ऐसे में उन्होंने सकारात्मक और सार्थक चर्चा की अपील की। लोकसभा स्पीकर द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष से सिर्फ कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, द्रुमक से टी.आर. बालू और वाईएसआरसीपी सांसद पीवी मिथुनरेड्डी ही बैठक में शामिल हुए।

 

संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को आरंभ होगा
भाजपा से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और सांसद रमा देवी बैठक में शामिल हुईं। जबकि अपना दल से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, एलजेपी (पासवान) से मंत्री पशुपति पारस ने सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया। गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को आरंभ होकर 12 अगस्त तक चलेगा। इसमें कुल 26 दिनों की अवधि में 18 बैठकें होंगी। 

मॉनसून सत्र रहेगा ख़ास 
संसद का यह सत्र खास रहने वाला है। सत्र के पहले दिन 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है। दूसरी ओर उपराष्ट्रपति का चुनाव भी 6 अगस्त को होगा। उपराष्ट्रपति के रूप में वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है।सूत्रों के मुताबिक संसद के इस सत्र के दौरान सरकार करीब एक दर्जन नये विधेयक पेश कर सकती है।