दिल्ली:
मां को मातृत्व अवकाश नहीं मिलने के कारण एक तीन महीने के बच्चे ने दिल्ली हाईकोर्ट में गुहार लगाई है। मामला नई दिल्ली नगर समिति से जुड़ा है। जहां एक महिला कर्मचारी को तीसरे बच्चे के लिए नियमो का हवाला देकर मातृत्व अवकाश देने से मना कर दिया गया। बच्चे के द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि नई दिल्ली नगर समिति ने नियमो का हवाला देकर एक सरकारी सेवारत कर्मचारी को मातृत्व अवकाश देने से इंकार कर दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 तहत उसके अधिकारों का उल्लंघन है।
कोर्ट ने नई दिल्ली नगर समिति को दो हफ्तों में जवाब देने को कहा
दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नज़मी वज़ीरी और स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने नई दिल्ली नगर समिति (एनडीएमसी) से इस बारे में दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि यह जवाब देने का आखिरी मौका है क्योंकि, मार्च में कोर्ट द्वारा नोटिस जारी होने के बावजूद एनडीएमसी ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया था जो निराशाजनक है। पीठ ने 25 हज़ार का जुर्माना लगाते हुए मामले की सुनवाई 17 मई तक रद्द कर दी है। इस धनराशि का उपयोग विभिन्न प्रकार के पौधे लगाने के लिए किया जाएगा।
याचिकाकर्ता की पीड़ा पर कोर्ट की हमदर्दी
हाईकोर्ट ने इस मामले में न्याय मित्र की नियुक्ति करते हुए कहा कि मामले में तत्काल सुनवाई की जरूरत है। चूंकि याचिकाकर्ता की उम्र काफी कम होने से उसे अपूरणीय पीड़ा हो रही है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 मई तक रद्द कर दी है।
अधिकार के उल्लंघन पर क्या बोली एनडीएमसी
नई दिल्ली नगर समिति ने नियमों का हवाला देकर कहा कि नियम के मुताबिक सरकारी सेवाओं में सिर्फ दो बच्चों तक ही अवकाश दी जा सकती है। तीसरा बच्चा होने के कारण उन्हें अब छुट्टी नहीं दी जा सकती है।