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इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड हुआ, SBI को SC ने दिया ये नया आदेश

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द फॉलोअप डेस्क 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SBI की ओर से 13 मार्च को सौंपा गया इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को 15 मार्च तक डेटा का डिजिटलाइज्ड फोर्मेट उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। आदेश के मुताबिक चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इसे 17 मार्च तक अपलोड करना था। बता दें कि एसबीआई की ओर से मिले डेटा को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आधा-अधूरा करार दिया था। एक्सपर्ट ने बताया था कि डेटा में यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर नहीं दिया गया है। इसके अभाव में ये पता नहीं चल सका कि किस संस्था या व्यक्ति ने किस पार्टी को कितने का चंदा दिया है। 

एसबीआई को 18 मार्च तक का समय दिया 

सुप्रीम कोर्ट ने यूनिक नंबर देने के लिए एसबीआई को 18 मार्च का समय दिया है। इस यूनिक नंबर की मांग देश की रानीतिक पार्टियां भी कर रही है। प  बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि उसे यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर की जरूरत है। ताकि वो इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में जारी निर्देशों का सही-सही निर्देशों का पालन कर सके। इसी के साथ कुछ वाम राजनीतिक दलों ने भी अल्फान्यूमेरिक नंबर की मांग की है। वहीं मायावती ने कहा है कि उसे चुनावी बॉन्ड के जरिये कोई राशि या चंदा नहीं मिला है।   

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली फटकार के बाद SBI ने 13 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुडी सारी जानकारियां कोर्ट को सौंप दी हैं। SBI ने इलेक्ट्रोरल बॉन्ड से संबंधित सारी डिटेल्स सुप्रीम कोर्ट को 2 पेन ड्राइव में दी है। बताया जा रहा है कि इसमें 2 पीडीएफ हैं। एक पीडीएफ में कौन सी कंपनियां या व्यक्ति हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खऱीदा, इसकी जानकारी है। वहीं, दूसरे पीडीएफ में उन सियासी दलों के नाम हैं, जिनके नाम से चुनावी बॉन्ड खरीदे गये। सियासी दलों ने कितने बॉन्ड को कैश कराया और कितने अन्य खातों में ट्रासंफर किये गये, इसकी जानकारी भी पीडीएफ में है।

 

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