द फॉलोअप डेस्क
अहमदाबाद विमान हादसे में बांसवाड़ा के एक डॉक्टर दंपती डॉ. प्रतीक जोशी और डॉ. कोनी व्यास अपने तीन बच्चों सहित काल के गाल में समा गए। यह परिवार लंदन में एक नई ज़िंदगी की शुरुआत करने जा रहा था, लेकिन उड़ान भरते ही उनका यह सपना चकनाचूर हो गया। हादसे से ठीक पहले फ्लाइट के भीतर डॉ. प्रतीक ने अपने पूरे परिवार के साथ एक सेल्फी ली थी, जिसमें उनके चेहरे पर खुशी और उत्साह साफ झलक रहा था। डॉ. प्रतीक जोशी बीते चार वर्षों से लंदन में रेडियोलॉजिस्ट के तौर पर कार्यरत थे। वहीं, उनकी पत्नी डॉ. कोनी व्यास उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजिस्ट के रूप में सेवाएं दे रही थीं। कोनी पिछले एक साल से बच्चों के साथ उदयपुर में रह रही थीं। उनके तीनों बच्चे जिनमें दो जुड़वां बेटे शामिल थे भी इस हादसे का शिकार हो गए।
परिजनों ने बताया कि पहले बच्चों की उम्र कम होने के कारण उनके पासपोर्ट नहीं बन पाए थे, जिस वजह से परिवार का लंदन जाना टलता रहा। लेकिन इस बार सब कुछ तय हो गया था। डॉ. प्रतीक कुछ दिन पहले ही बांसवाड़ा आए थे और उन्होंने पत्नी कोनी से कहा कि अब वह अपनी जॉब छोड़ दें ताकि पूरा परिवार लंदन में साथ रह सके। कोनी ने प्रतीक की बात मानते हुए नौकरी से इस्तीफा दे दिया। 12 जून को यह परिवार लंदन के लिए रवाना होने वाला था। डॉ. प्रतीक और डॉ. कोनी के परिजन उन्हें अहमदाबाद एयरपोर्ट तक छोड़ने पहुंचे। विमान के उड़ान भरते ही वे थोड़ी दूर ही पहुंचे थे कि उन्हें विमान दुर्घटना की खबर मिली। घबराकर सभी दोबारा एयरपोर्ट लौटे और अपनों की जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन अभी तक शवों का कोई पता नहीं चल सका है।
जैसे ही यह दुखद सूचना बांसवाड़ा पहुंची, पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। रिश्तेदारों और परिचितों की भीड़ डॉ. कोनी के घर के बाहर उमड़ पड़ी। प्रशासन की ओर से जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव, एसपी हर्षवर्धन अगरवाला सहित कई अधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी ली। डॉ. कोनी व्यास के पिता अनिल व्यास PWD विभाग से रिटायर्ड एक्सईएन हैं, जबकि डॉ. प्रतीक के पिता जय प्रकाश जोशी स्वयं रेडियोलॉजिस्ट हैं और बांसवाड़ा में सोनोग्राफी सेंटर चलाते हैं। इस असमय त्रासदी ने न केवल एक परिवार को निगल लिया, बल्कि पूरे शहर को गमगीन कर दिया है।