डेस्क :
यूपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गाँधी अपनी टिप्पणियों को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहते है। अपने पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को बरक़रार रखते हुए उन्होंने फिर एक बार अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमला किया है। वरुण गांधी ने बेरोजगारी और पेपर लीक मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए खाली पड़े हुए पदों और सिस्टम पर हावी होते शिक्षा माफिया को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए तीखे सवाल किया हैं। सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर आज से और अभी से काम करना पड़ेगा। कहीं ऐसा न हो कि देर हो जाए। भर्ती नहीं होने की वजह से छात्र काफी हताश हो चुके हैं।
वरुण गांधी ने बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरा
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को दो ट्वीट और फेसबुक पोस्ट किया। बीजेपी सरकार पर प्रहार करते हुए उन्होंने लिखा कि अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्तां बन चुका है। छात्र अब सिर्फ ‘पढ़ाई’ नहीं करता, अपने हक की ‘लड़ाई’ भी स्वयं लड़ता है। अरसों से लटकी भर्तियां और रेत की तरह फिसलता वक्त, छात्र हताश है। उन्होंने इसके आगे लिखा कि बिना कारण रिक्त पड़े पद, लीक होते पेपर, सिस्टम पर हावी होता शिक्षा माफिया, कोर्ट-कचहरी व टूटती उम्मीद । छात्र अब प्रशासनिक अक्षमता की कीमत भी स्वयं चुका रहा है। चयन सेवा आयोग कैसे बेहतर हो, परीक्षाएं कैसे पारदर्शी एवं समय पर हों, इस पर आज और अभी से काम करना होगा।कहीं देर ना हो जाए !
अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्ताँ बन चुका है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) May 23, 2022
छात्र अब सिर्फ ‘पढ़ाई’ नही करता, अपने हक की ‘लड़ाई’ भी स्वयं लड़ता है।
अरसों से लटकी भर्तियाँ और रेत की तरह फिसलता वक्त, छात्र हताश है।
राशन कार्ड की पात्रता पर सवाल
इससे पहले शनिवार को यूपी में राशन कार्ड को लेकर वरुण गाँधी ने शासन पर सवाल उठाए थे। दरसल,यूपी में सरकार ने तय पात्रता शर्तो के अलावे राशन कार्ड बनवाकर लाभ ले रहे लोगो पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है। प्रशासन ने मुनादी करवाकर अपात्र लोगो को राशन कार्ड जमा करने को कहा है।जिसके पीछे पात्र लोगों का राशन के लाभ से वंचित रह जाना बताया जा रहा हैं। सरकार द्वारा तय किये गए पात्रता शर्त फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है।
बिना कारण रिक्त पड़े पद,लीक होते पेपर, सिस्टम पर हावी होता शिक्षा माफिया, कोर्ट-कचहरी व टूटती उम्मीद। छात्र अब प्रशासनिक अक्षमता की कीमत भी स्वयं चुका रहा है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) May 23, 2022
चयन सेवा आयोग कैसे बेहतर हो,परीक्षाएँ कैसे पारदर्शी एवं समय पर हों, इसपर आज और अभी से काम करना होगा।
कहीं देर ना हो जाए