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CJI का पद लेने से पहले भड़के गवई, कहा- सुप्रीम कोर्ट जैसी अनुशासनहीन संस्था देश में दूसरी नहीं है

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द फॉलोअप डेस्क 

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने एक बार फिर शीर्ष न्यायालय के आंतरिक हालात पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को सबसे अनुशासनहीन जगह बताया और इसे उच्च न्यायालयों से तुलना की। जस्टिस गवई ने कहा कि, "मैं बॉम्बे, नागपुर और औरंगाबाद बेंच में जज रहा हूं, लेकिन मैंने सुप्रीम कोर्ट जैसी अनुशासनहीनता कहीं नहीं देखी। यहां हम देख सकते हैं कि छह वकील एक तरफ बैठे होते हैं, छह दूसरी तरफ और सभी एक साथ चिल्ला रहे होते हैं। हाईकोर्ट में ऐसा कभी नहीं देखा।"
इससे पहले, पिछले साल भी जस्टिस गवई ने अनुशासनहीनता के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट को आलोचना का शिकार बनाया था। उन्होंने बताया था कि उच्च न्यायालयों से आने वाले न्यायधीशों के लिए सुप्रीम कोर्ट सबसे अनुशासनहीन अदालत लगता है, जहां कोई भी कहीं से भी बोल सकता है और बहस में बार-बार रुकावट डालने का काम होता है।
दिलचस्प बात यह है कि जस्टिस गवई मई 2025 में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने वाले हैं। वर्तमान CJI, जस्टिस संजीव खन्ना, 13 मई 2025 को रिटायर हो रहे हैं, और उनके बाद जस्टिस गवई यह पद संभालेंगे। यदि यह प्रक्रिया इसी तरह से चलती है, तो वे भारत के दूसरे दलित CJI बनेंगे। इससे पहले, जस्टिस केजी बालकृष्ण ने 2010 में CJI का पद संभाला था और वे पहले दलित CJI थे।

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