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देश के खिलाफ बोला तो जेल, मॉब लिंचिंग पर फांसी; 3 नए क्रिमिनल लॉ बिल पर गृहमंत्री का बड़ा बयान

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द फॉलोअप डेस्क:

केंद्र की मोदी सरकार ने आईपीसी के तीन नए कानून संसद में पेश कर दिया है। बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 3 नए क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा की। गृहमंत्री ने कहा कि देश में अब आपराधिक न्याय प्रणाली में दंड के बजाय न्याय पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानूनों में अब मॉब लिंचिंग में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। गृहमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल इसलिए ला रही है ताकि आपराधिक न्याय प्रणाली को पुनर्जीवित किया जाए। गौरतलब है कि लोकसभा से तीनों क्रिमिनल लॉ (संशोधन) बिल-2023 पारित हो चुका है। सरकार ने भारतीय न्याय संहिता बिल-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता बिल 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 पहली बार मानसून सत्र में पेश किया गया था। 

शीतकालीन सत्र में संशोधित बिल पेश हुआ
तीनों क्रिमिनल लॉ बिल को पहले मानसून सत्र के दौरान पेश किया गया था। शीतकालीन सत्र के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने तीनों बिल का संशोधित रूप प्रस्तुत किया।ग गृहमंत्री का दावा कि इन कानूनों की मदद से पुलिस की जवाबदेही को भी मजबूत करेंगे। गृहमंत्री ने बताया कि अब से हिरासत में लिए गए या गिरफ्तार व्यक्ति के बारे में प्रत्येक पुलिस स्टेशन में विवरण दर्ज होगा। नामित पुलिस अधिकारी इन रिकॉर्ड्स को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने तस्करी के कानूनों को भी जेंडर न्यूट्रल बना दिया है। अब राजद्रोह की जगह देशद्रोह शब्दावली का इस्तेमाल होगा। 

राजद्रोह शब्दावली में बड़ा बदलाव किया गया
गौरतलब है कि आईपीसी के तहत राजद्रोह को सरकार के खिलाफ कार्य के रूप में पारिभाषित किया गया था लेकिन यह प्रावधान उन लोगों के लिए है जो देश की संप्रुभता, अखंडता और सुरक्षा को प्रभावित करते हैं। गृहमंत्री ने कहा कि सरकार की आलोचना से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन कोई भी व्यक्ति देश के खिलाफ नहीं बोल सकता है। गृहमंत्री ने कहा कि अब देश में अंग्रेजी सत्ता नहीं है। कांग्रेस का शासन नहीं है बल्कि मोदी के नेतृत्व में लोकतांत्रिक सरकार है। आतंकवाद को बचाने की कोई दलील काम नहीं आएगी। अंग्रेजों का बनाया गया राजद्रोह कानून अब तक चल रहा था। मुझे गर्व है कि हमने 150 साल पुराना कानून अब बदल दिया है।