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चक्रधरपुर के बड़कानी गांव में शाम 5 बजे तक नहीं हुआ मतदान,अपनी मांग को लेकर अड़े रहे ग्रामीण

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द फॉलोअप डेस्क
चक्रधरपुर प्रखंड की हतनातोड़ांग पंचायत के बरकानी गांव में एक भी वोट नहीं पड़ा। यहां सड़क की समस्या से जुझ रहे ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। बरकानी प्राथमिक विद्यालय बूथ संख्या 83 में मतदान कराने के लिए सोमवार अहले सुबह लगभग 5 बजे तक मतदानकर्मी पहुंच गये थे लेकिन शाम तक वहां एक वोट भी नहीं पड़ा। बता दें कि यहां कुल 441 मतदाता हैं। गौरतलब है कि झारखंड के 4 लोकसभा सीट पर आज मतदान हुआ। इसमें सिंहभूम,पलामू, लोहरदगा और खूंटी संसदीय सीट शामिल हैं। 


ग्रामीणों ने निगरानी बनाए रखा कि कोई वोट न डाले
मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पहले भी ग्रामीणों ने सड़क नहीं तो वोट नहीं देने का निर्णय लेते हुए बैठक किया था। वहीं आज सुबह ग्रामीण मतदान केन्द्र के पास जमा हुए, लेकन मतदान का बहिष्कार कर दिया। साथ ही एकजुट ग्रामीण इस बात की भी निगरानी बनाये रखे हुए थे कि कोई भी मतदाता मतदान न करें। इस दौरान ग्रामीणों ने मतदान केन्द्र के समीप रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा भी लगाया। इसकी सूचना मिलने पर सबसे पहले चक्रधरपुर के अंचलाधिकारी गिरजानंद किस्कू, टोकलो थाना प्रभारी परमेश्वर उरांव व अन्य अधिकारी पहुंचे और वोट बहिष्कार करने वाले ग्रामीणों को बात की। 


जब तक धरातल पर काम नहीं होगा तब तक वोट नहीं पड़ेगा
अंचलाधिकारी ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि जब तक इस गांव में सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जाता है तब तक वोट नहीं करेंगे।  अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि गांव में सड़क निर्माण की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, सिर्फ प्रशासनिक स्वीकृति होनी है। इसका डीपीआर भी तैयार है, आचार संहिता खत्म होने के बाद सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरु होगी, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहें। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक हम धरातल पर सड़क निर्माण कार्य नहीं देखेंगे तब तक वोट नहीं किया जाएगा। वहीं ग्रामीणों को समझाने के लिए कई राजनीतिक दल के नेता व प्रत्याशियों के समर्थक समेत पूर्व विधायक शशिभूषण सामड भी बरकानी गांव ग्रामीणों को समझाने पहुंचे, लेकिन शाम पांच बजे तक बरकानी गांव के कुल 441 मतदाताओं में से एक भी मतदाता ने मतदान नहीं किया।इससे मतदानकर्मी मतदाता का इंतेजार करते रहे और बिना मतदान कराये ही वापस लौट गये।

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