रांची
अमित शाह का एडिटेड वीडियो शेयर करने के मामले में दिल्ली पुलिस की नोटिस मिलने के बाद राजेश ठाकुर ने आज कहा कि BJP के शासन में आदिवासी और पिछड़ों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। बता दें कि वे लोकसभा चुनाव की समीक्षा के क्रम में कांग्रेस मुख्यालय में अग्रणी मोर्चा संगठन की बैठक आज शामिल हुए। बैठक में संगठनवार चुनावी अभियान,बू थों की स्थिति, बीएलए की नियुक्ति की स्थिति और गारंटी कार्ड के वितरण की स्थिति आदि की समीक्षा की गई। ठाकुर ने कहा कि झारखंड के प्रथम चरण का चुनाव अत्यंत नजदीक है। हमें चुनावी अभियान को और गति देने की आवश्यकता है।
मोदी पर लगाये ये आरोप
ठाकुर ने कहा कि झारखंड में चुनावी आगाज 3 अनुसूचित जनजाति और 1 अनुसूचित जाति लोकसभा क्षेत्र में मतदान से होने जा रहा है। मोदी सरकार के 10 वर्षों के शासनकाल में समाज का यही तबका सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। इसके सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए मोदी सरकार द्वारा एक दशक में कोई उल्लेखनीय प्रयास नहीं किया गया। हमें इस समाज के बीच सारे तथ्यों को सामने रखकर मोदी की नीतियों की सच्चाई बतानी होगी। यह भी बताना होगा कि उनके सामाजिक उत्थान के लिए हमारी महागठबंधन सरकार ने सरना धर्म कोड का बिल सदन से पारित कराकर केंद्र सरकार को भेजा है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी उसे बिल को लंबे समय से लटकाये हुए हैं।
ऐसे नुकसान पहुंचाया राज्य को
ठाकुर ने आगे कहा, केंद्र सरकार ने वन भूमि की जमीनों को पूंजीपति घरानों को देने का काम किया है। इस पर स्वाभाविक तौर पर पहला हक आदिवासी समुदाय का होता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में भी पूर्व की रघुवर सरकार ने विकास करने के नाम पर आदिवासी, पिछड़ों, किसानों के साथ छल ही किया है। रोजगार देने के नाम पर पूरी तरह से जीरो अंक पाने वाली केंद्र सरकार के नक्शे कदम पर चल कर पूर्व की झारखंड भाजपा सरकार ने अपने आका की। बैठक में मुख्य रूप से नेली नाथन, गुंजन सिंह, अमीर हासमी, केदार पासवान, अभिलाभा साहु, जोसाई मार्डी, अमरेन्द्र सिंह, भानू प्रताप बड़ाई, सुनीत शर्मा, हृदयानंद यादव, कौशल किशोर आदि शामिल थे।
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