सदन में सरकार बोली कि राज्य में 60-40 के आधार पर नियोजन प्रक्रिया चल रही है. एसटी को 26, एससी को को 10, ओबीसी को 14 और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत रिजर्व है. और बाकियों के लिए 40 प्रतिशत है. सरकार की ओर से यह बातें सुदेश महतो द्वारा गैरसरकारी प्रस्ताव के जरिये पूछे गए सवाल के जवाब के रूप में आई. सुदेश महतो ने पूछा था कि जेएसएससी द्वारा शुरू की जा रही नियुक्ति प्रक्रियाओं में शत प्रतिशत भागीदारी झारखंडियों मूलवासियों की सुनिश्चित हो इसके लिए किस नियम के तहत नियोजन प्रक्रिया चल रही है? इसी का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 2019 की नीति के आधार पर ही प्रक्रिया चल रही है. 60-40 के तहत हो रहा है. यह सब जानता है.
राजनीति नहीं होनी चाहिए, हमने 1932 के आधार पर लाया था
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि दुर्भाग्य है कि किसी भी सरकार ने स्थानीय नीति सही नहीं बना पाई. 2001 के बाद रघुवर जी ने भी बनाया. लेकिन कोर्ट में चैलेंज हो जाता है. हमारी सरकार 1932 लेकर आई. सदन से प्रस्ताव पारित कर 9 वीं अनुसूची में डालने के लिए भेजा. राज्यपाल ने विधानसभा की बजाय सरकार को भेज दिया. विषय जटिल है. नियोजन जो निकला है, अधिक से अधिक लोग का होने दीजिए. राजनीति नहीं होनी चाहिए, आप सब समझ रहे हैं.
ऐसा जवाब होता है क्या
सरकार से स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर सुदेश महतो ने कहा कि ऐसा जवाब होता है क्या? ये गंभीरता है? हमारा संबंध आपसे अच्छा है, मंत्री जी से अच्छा है. लेकिन जवाब तो ये नहीं है. अध्यक्ष महोदय आप ही स्पष्ट कर दीजिए. आप समझ गए होंगे. इसपर स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो ने कहा कि समझ तो आप भी गए होंगे. दरअसल जवाब देते हुए बार बार मंत्री यह बोल रहे थे कि 2019 के नियम के तहत हो रहा है. और सुदेश महतो नियम क्या है, वह जानना चाह रहे थे.