देवघर:
कोरोना काल के कारण 2 साल के ब्रेक के बाद देवघर में श्रावणी मेला लगने जा रहा है। जिसे लेकर श्रद्धालु काफी उत्साहित हैं। 14 जुलाई से 12 अगस्त तक बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल उठाकर श्रद्धालु देवघर तक 112 KM की दूरी पैदल तय करेंगे। इस बार हर रोज 1 लाख से 1.5 लाख श्रद्धालुओं के देवघर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इस हिसाब से 1 महीने तक चलने वाले इस मेले में लगभग 50 लाख श्रद्धालु देवघर पहुंचेंगे। इस बार मेला को लेकर सरकार द्वारा कुछ जरूरी गाईडलाइन जारी किया गया है।
सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक के पुखता इंतजाम
श्रावणी मेला को लेकर सरकार की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हर एक किमी में हेल्थ सेंटर बनाए जा रहे हैं। साथ ही RAF के जवानों को सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा इस बार फूड इंस्पेक्टर को फूड स्टॉल की नियमित जांच के लिए लगाया गया है। बाबा मंदिर में भी कई जरूरी बदलाव किए गए हैं। 112 किलों मीटर के रास्ते में 1000 CCTV कैमरे लगाए गए है।
श्रावणी मेला ऐप की शुरूआत
बता दें कि इस बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए श्रावणी मेला ऐप भी शुरू किया गया है जिसमें कावांरियों को मेला से जुड़ी छोटी से लेकर हर बड़ी खबर की जानकारी मिलेगी। इसमें शौचालय, पेयजल, धर्मशाला, पार्किंग, हॉस्पिटल, विश्राम स्थल उनसे कितनी दूरी पर है। बिहार के पर्यटन विभाग की तरफ से इस ऐप को 5 जुलाई को लांच किया जाएगा। देवघर होटल एसोसिएशन के पदाधिकारी शिव जायसवाल ने बताया कि होटल की बुकिंग अभी से ही शुरू कर दी गई है। इस बार 2 बेड के कमरे का 24 घंटे के लिए 1500 रुपए निर्धारित किया गया है। इसके अलावा धर्मशाला और सभी श्रद्धालुओं के पंडा के यहां ठहरने की अलग से व्यवस्था की गई है।
नोस्क नो एंट्री मा
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने इस बार कुछ जरूरी गाईडलाइन जारी किया है। इस बार श्रद्धालुओं को बिना मास्क के मंदिर परिसर में घुसने की अनुमति नहीं मिलेगी। साथ ही मंदिर परिसर में 2 श्रद्धालुओं के बीच उचित दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया है।