रांची
जामताड़ा विधानसभा सीट से चुनाव हार चुकीं बीजेपी की प्रत्याशी सीता सोरेन ने परिणाम आने के बाद पहली बार अपने उद्गार व्यक्त किये हैं। सीता सोरेने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी एक पोस्ट में सीता सोरेन ने कहा है, जमीन पर जनता के लिए लड़ाई लड़ना आसान नहीं होता। इस चुनाव में, मैंने अपनी पूरी ताकत लगाई, लेकिन परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आया। जब मैंने एक वीडियो देखा जिसमें मेरी बेटियां जयाश्री, राजश्री और विजयश्री सोरेन को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा अपमानित करते हुए देखा, तो मेरा दिल टूट गया।
सीता सोरेन ने आगे कहा, यह वही जमताड़ा है, जहां मेरे पति ने अपना खून-पसीना बहाकर जनता की सेवा की थी। लेकिन आज, उनकी बेटियों को अपमानित होते देख, यह सवाल उठता है कि क्या यही वह सम्मान है जो जनता ने उनके त्याग और संघर्ष को दिया है? उन्होंने हर शब्द और हर अपमान का सामना शेरनियों की तरह किया, उन्होंने सिर ऊंचा करके अपनी मर्यादा बनाए रखी, मुझे गर्व है कि मेरी बेटियां दुर्गा सोरेन जी की तरह मजबूत और निडर हैं। उन्होंने यह दिखा दिया कि यह हार हमारी हिम्मत को कमजोर नहीं कर सकती। यह हार एक सबक है, एक नई शुरुआत है।
बीजेपी नेता ने आगे कहा कि यह मत भूलना मैंने इन्हें शेरनियों की तरह पाला है। अकेले रहते हुए एक हाथ से राजनीति की बागडोर संभाली और दूसरे हाथ से अपनी बेटियों की परवरिश की है। बस डर इस बात का है कि सुरक्षा होते हुए कुछ लोगों में इतनी हिम्मत है, तो बेसहारे गरीब महिलाओं बेटियां को क्या नहीं झेलना पड़ता होगा। कांग्रेस जहां भी है वहां महिलाएं असुरक्षित हैं। मासूम आदिवासी आपके छल और झूठ के जाल में फंसे हुए हैं, लेकिन वह दिन जरूर आएगा जब यही आदिवासी आपको इस संथाली धरती से उठा फेंकेंगे।