द फॉलोअप डेस्कः
रिम्स का विवादों से गहरा नाता है। एक विवाद सुलझता नहीं है कि दूसरा जन्म ले लेता है। आधिकतर समय में रिम्स हाईकोर्ट के चक्कर ही लगाता दिखता है। आज फिर एक विवादित मामले को लेकर रिम्स पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। दरअसल एक लोहरदगा के छात्र का आरोप है कि रिम्स प्रबंधन ने उसका एडमिशन कैंसिल कर दिया है। और उसकी जगह पर दूसरे छात्र का एडमिशन ले लिया है। छात्र का नाम आशीर्वाद सुमन है। उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया है कि वह सारी आर्हता पूरी करता था इसके बाद ही उसे रिम्स के एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन मिला। रिम्स ने आशीर्वाद से पूरी फीस भी वसूली लेकिन कुछ दिनों में उसका एडमिशन रद्द कर दिया और किसी दूसरे छात्र का एडमिशन ले लिया।
1 सप्ताह में मांगा जवाब
आशीर्वाद का कहना है कि उसका एडमिशन दिव्यांग कोटे से हुआ था लेकिन रिम्स ने बिना वजह बताएं उसका नामांकन रद्द कर दिया है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि कि रिम्स अधिकारियों की मिलीभगत से उसका एडमिशन कैंसिल किया गया है। साथ ही यह भी बताया है कि दूसरे छात्र का एडमिशन ले लिया गया है। इसलिए रिम्स के आदेश को खारिज किया जाए। आज इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने रिम्स को 1 सप्ताह में जवाब देने को कहा है।याचिकाकर्ता की तरफ से शुभाशीष रसिक सोरेन ने कोर्ट में पक्ष रखा।