द फॉलोअप डेस्क
रामगढ़ शहर के विद्यानगर में 60 वर्षीया सुशीला देवी हत्या का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि महिला घर पर अकेली थी। जानकारी के अनुसार गुरुवार दोपहर युवती समेत 4 लोग महिला के घर में दाखिल हुए थे। महिला घर पर अकेली थी। मृतक महिला के पति रिटायर्ड रेलवे अधिकारी है। उनका नाम अशर्फी प्रसाद है। आसपास से मिली जानकारी के अनुसार रिटायर्ड रेलवे अधिकारी इन दिनों अपने बेटी के घर गए हुए हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। महिला के पति को घटना की जानकारी दे दी गई है।
सुरक्षा के लिए लगा था सीसीटीवी कैमरा, अपराधी साथ ले गए डीवीआर
आसपास के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार अशर्फी प्रसाद ने अपने परिवार और घर की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा भी इंस्टॉल कराया था। मुख्य द्वार से लेकर ग्राउंड फ्लोर और घर के हॉल में भी कैमरे लगे हुए थे। इस बात की खबर भी अपराधियों को बखूबी थी। तीन लड़के और एक लड़की बेहद सालीकेदार कपड़े पहने उनके घर में घुसते हैं। ऐसा लगा कि मानों वे सुशीला देवी के रिश्तेदार हैं। 1 घंटे के भीतर उन चार लोगों ने हत्याकांड को अंजाम दिया और फिर घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर अपने साथ लेकर चलते बने। ताकि पुलिस को अपराधियों की पहचान करने में मुश्किल हो।
सबूत मिटाने के लिए लगाई गई आग
हत्या करने के बाद अपराधियों ने सबूत मिटाने के लिए पूरा प्रयास किया है। चारों अपराधी घर में घुसे और बेखौफ होकर सुशीला देवी की हत्या की। साक्ष्य मिटाने के लिए उन लोगों ने पूरे घर को तीतर-बितर कर दिया। घटनास्थल पर ऐसा सीन बनाया गया कि लोगों को यह लगे कि उस घर में लूटपाट हुई है। आलमीरा, पलंग और सभी लॉकर को खोलकर सामान को बिखेरा गया था। इसके बाद भी उन लोगों ने अपने सबूत मिटाने के लिए एक दूसरा हथकंडा भी अपनाया। घर के मास्टर बेडरूम में अपराधियों ने आग लगा दी। यह दृश्य यह बताने के लिए था कि लोगों को वहां शॉर्ट सर्किट होने का आभास हो।
तेजी से भागते लड़के लड़कियों को देख मोहल्ले वालों ने किया पीछा
अपराधियों को देखने वाले चश्मदीद प्रदीप चक्रवर्ती ने बताया कि वह अपने घर में झाड़ू लगा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अशर्फी प्रसाद के घर के बाहर संदिग्ध रूप से घूमते हुए तीन लड़के और एक लड़की को देखा। लेकिन उन्हें यह पता चला कि प्रणाम कर वे लोग अंदर घुसे हैं, तो ऐसा महसूस हुआ कि वह उनके जान पहचान के होंगे। लेकिन कुछ ही देर बाद अचानक चारों लोग काफी तेजी से हड़बड़ा कर बाहर भागते हुए नजर आए। यह देखकर प्रदीप चक्रवर्ती ने झाड़ू फेंका और उन लोगों का पीछा किया। लेकिन चारों लोग गली से निकलते ही अचानक हवा की तरह गायब हो गए।