द फॉलोअप डेस्क
पलामू जिले के पांकी विधानसभा में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता को गुरुवार को बरी कर दिया गया। कोर्ट में उनके ऊपर लगा आरोप साबित नहीं हो पाया। जिसके बाद एमपी-एमएलए के स्पेशल मजिस्ट्रेट सतीश कुमार मुंडा की अदालत ने उन्हें बरी कर दिया। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राहुल सत्यार्थी ने बहस की। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में अभियोजन के द्वारा केस साबित नहीं करने के कारण इस मामले में शशिभूषण मेहता को बरी कर दिया है। इस मामले में अभियोजन की ओर से नौ गवाहों को पेश किया गया था। लेकिन, आरोप साबित नहीं हो सका।
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आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला
जानकारी के मुताबिक शशिभूषण मेहता पर आरोप था कि 25 अप्रैल 2016 को 11:00 से 1:00 बजे दिन में टेंट, सामियाना लगाकर बिना अनुमति के मिसिर दोहर ग्राम में चुनावी सभा किए थे। इस दौरान उन्होंने सभा में शामिल लोगों को खाना खिलाया था। जो 144 और आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला बनाता है। जिसके बाद आदर्श आचार संहिता कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी नंद कुमार मिश्रा ने शशिभूषण मेहता के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी तरहसी थाना में भारतीय दंड विधान की धारा 171 ई, 171 एफ व 134 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी। केस के सूचक ने प्रकाशित समाचार के आलोक में जांच करने पर पाया था कि पांकी विधानसभा क्षेत्र के तरहसी प्रखंड के मिसिर दोहरी ग्राम पंचायत सेलारी में 25 अप्रैल 2016 रविवार को एक 11 बजे से 1बजे तक संभावित प्रत्याशी शशिभूषण मेहता के द्वारा टेंट लगाकर चुनावी सभा की गई। इस दौरान उन्होंने सभा में शामिल लोगों को खाना खिलाया था, जो 144 और आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला बनाता है।
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