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कोल्हान में नक्सलियों की चेतावनी, इन इलाकों में वाहन चलाया तो खुद होंगे जिम्मेदार

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द फॉलोअप डेस्क 

कोलहान के वन क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक रोक लगा दी गयी है। ये रोक प्रशासन की ओर से नहीं बल्कि नक्सली संगठन की ओर से लगायी गयी है। नक्सली संगठन ने इस बाबत प्रेस रीलीज जारी कर फरमान जारी किया है। जिससे यहां के लोग घबराये हुए हैं। नक्सली संगठन ने जारी प्रेस रीलीज में लिखा है कि अगर कोई इस फरमान के खिलाफ वन इलाके में गाड़ी लेकर आता है तो इसका जिम्मेदार वो खुद होगा। नक्सली संगठन ने ये आदेश भी जारी किया है कि अगर कोई व्यक्ति पुलिस या अर्द्धसैनिक बलों की मदद करता है या कोई इनके लिए सामान जैसे खाद्य पदार्थ और दूसरी चीजों की ढुलाई का काम करता है तो उसे बख्शा नहीं जायेगा। ये फरमान नक्सलियों की साउथ जोनल कमेटी के प्रवक्ता अशोक उर्फ मोनी की ओऱ से जारी किया गया है। 

सीआरपीएफ की मदद करने पर वाहन पर किया हमला 
प्रवक्ता ने कहा है कि फरमान का पालन नहीं करने पर हाल में सीआरपीएफ के एक कैंप में सामान ले जा रहे वाहन पर हमला किया गया है। 12 सितंबर को सामान ले जा रहे ट्रैक्टर को संगठन ने बारूदी सुरंग बिछाकर तहस-नहस कर दिया। नक्सलियों के इस हमले में ट्रैक्टर में सवार लोबो महतो मारा गया और चालक पकलू लोहरा गंभीर रूप से घायल हो गया। आगे इस तरह की घटना न हो लोग इसका ख्याल रखें। नक्सलियों ने अपनी सफाई में कहा है कि नक्सल सफाया के नाम पर पुलिस और अर्द्धसैनिक बल सीधे-सादे आदिवासियों को अपना निशाना बनाते हैं। स्कूलों में सुरक्षा के नाम पर कैंप खोले जा रहे हैं। सरजोमबुरु गांव में एक आदिवासी के घर में पुलिस कैंप बना दिया गया है। स्कूल में कैंप खोल देने से बच्चों की पढा़ई बाधित हो रही है। इलाके में ये हालत लगभग एक साल से है। और आदिवासी के घर में पुलिस का जमावड़ा लगने से आदिवासी डरे हुए हैं। कहा है कि नक्सली आदिवासियों और गांव वाले के दुश्मन नहीं हैं। उनको बदनाम किया जाता है। वे आमजन की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।