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Budget Session 2022 : सदन में बंद हो चूड़ी पहन लो और विधवा विलाप जैसे शब्दों का प्रयोग: पूर्णिमा नीरज सिंह

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रांची: 
महिलाओं को बराबरी का अधिकार नहीं चाहिए। महिलाओं को ऑपर्च्युनिटी चाहिए। सदन के अंदर चूड़ी पहन लो, लड़की की तरह मत रोओ और विधवा विलाप जैसे शब्द का इस्तेमाल बंद हो। यह महिला सम्मान के विरुद्ध है।  स्पीकर महोदय मैं यह उम्मीद करती हूं कि आप सदन के अंदर भी ऐसे शब्दों के प्रयोग पर पाबंदी लगाएंगे। यह मेरा सभी सदस्यों से आग्रह है।

सदन में पूर्णिमा नीरज सिंह का व्यक्तव्य
उपरोक्त बातें बातें पूर्णिमा नीरज सिंह ने कही। पूर्णिमा नीरज सिंह सदन के अंदर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अनुदान मांग पर विपक्ष के कटौती प्रस्ताव के विरोध में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए मेंटल हेल्थ एक बड़ा इश्यू है। इसके समाधान के लिए भी सरकार को काम करने की जरूरत है। 

महिलाओं को मिले कानूनी सलाह
पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि महिलाएं सशक्त हों, इसके लिए इन्हें कानूनी सलाह दिलाने में सरकार मदद करे।  क्योंकि कानूनी सलाह नहीं मिल पाने की वजह से वह अपने अधिकार के बारे में जान तक नहीं पाती हैं। इसके बगैर महिलाएं सशक्त नहीं हो पाएंगी। 

थानों में महिला आरक्षी की हो नियुक्ति
पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि एनसीआरबी की डाटा के अनुसार महिलाओं की स्थिति ठीक नहीं है।  ज्यादातर मामलों में चार्जशीट भी नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि मेरी यह मांग है कि सभी थानों में महिला आरक्षी की नियुक्ति की जाए ताकि महिलाओं के मामलों का संवेदनशीलता के साथ समाधान हो। 

रंगभेद से ज्यादा खतरनाक है जेंडर डिस्क्रिमिनेशन
पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि पैदा होने के साथ ही महिलाओं को संघर्ष शुरू हो जाता है। रंगभेद से भी ज्यादा खतरनाक जेंडर डिस्क्रिमिनेशन है। महिला साक्षरता दर राज्य में महज 40 प्रतिशत है, जो कि ठीक नहीं है। इसे बढ़ाने पर जोर दिया जाए। सदन में 12 प्रतिशत महिलाएं हैं, यह अच्छी बात है। यह और बढ़े हमारा फोकस इस पर होनी चाहिए।