द फॉलोअप डेस्क
झारखंड हाईकोर्ट ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों को हटाने और उनकी जगह आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति के आदेश पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन के तहत ब्लॉक वॉश कोऑर्डिनेटर के पद पर कार्यरत कर्मचारियों को हटाकर पूरे राज्य में आउटसोर्स के जरिए नई नियुक्तियां करने का आदेश 16 सितंबर 2024 को जारी किया गया था। इस फैसले के खिलाफ राम किशून और अन्य कर्मियों ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एस एन पाठक की अदालत में हुई। सुनवाई को दौरान अदालत ने कहा कि अनुबंध कर्मियों को बिना किसी ठोस आधार के नहीं हटाया जा सकता। अदालत ने सरकार से इस फैसले पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार ने बहस की। उन्होंने तर्क दिया कि अनुबंध कर्मियों को हटाना अन्यायपूर्ण है और इससे उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा। अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए इस पर रोक लगाने का फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।