रांची
सीता सोरेन ने आज मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मंईयां सम्मान योजना महिलाओं को सम्मान देने के लिए नहीं शुरू की गयी, बल्कि इसका मकसद वोट बैंक बढ़ाना है। कहा कि ये योजना महिलाओं को सिर्फ चारा डालने के लिए है। कहा, अगर सरकार सच में महिलाओं का सम्मान करना चाहती है, तो जब से सरकार बनी है तब से महिला को मंईयां सम्मान योजना की राशि मिले। पांच साल की राशि सरकार को एक बार में अब दे देना चाहिये। ऐसा होगा तो हम सरकार को सपोर्ट करेंगे। कहा कि महिलाओं को दिसंबर के बाद कोई राशि मिलने वाली नहीं है। ये वोट बैंक बढ़ाने के लिए था। इसमें महिला को सम्मान देने की भावना नहीं है।
बीजेपी में परिवारवाद के सवाल पर कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व का फैसला जो होता है, वो सब पर लागू होता है। कहा टिकट बंटवारे में अगर इस बात को देखा जा रहा है तो ये शीर्ष नेतृत्व का निर्णय है। सोच समझ कर लिया गया फैसला है। कहा कि जो सही समझा गया वहीं किया गया। कहा कि मेरी बेटी को तो टिकट नहीं मिला। मैं इस विषय पर अधिक नहीं बोलना चाहती हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में सीता सोरेन ने कहा, जामताड़ा क्या कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। कहा कि उनके पति दुर्गा सोरेन पूरे झारखंड के नेता थे। गरीबों के मसीहा था। मेरे साथ भी जनता ने ऐसा ही लगाव दिखाया है। तो मैं कहीं से भी चुनाव लड़ सकती हूं। कथित घुसपैठियों के सवाल पर कहा कि ये चुनाव में उनका मुद्दा रहेगा। क्योंकि इससे आदिवासियों को नुकसान हो रहा है। आदिवासी समुदाय को हमें बचाना है। नहीं तो हम डायनासोर की तरह लुप्त हो जायेंगे। आदिवासी की संख्या घट रही है औऱ पहले भी घटी है। हमारी सरकार बनेगी तो घुसपैठियों की समस्या को समाप्त करने का काम करेंगे।
सीता सोरेन ने आगे कहा कि बीजेपी में आकर मुझे सम्मान मिला है। कहा कि जामताड़ा में विकास का सिर्फ शोर किया जा रहा है। कहा कि जामताड़ा से मुझे बहुत फोन आते हैं। वहां पानी की समस्या है। विकास नाम की कोई चीज नहीं है। जामताड़ा ही नहीं, हर जगह बदलाव होना चाहिए। बीजेपी की सरकार बनेगी तो सभी तरह का विकास होगा। हम सभी को साथ लेकर चलेंगे।
जेएमएम में रहते हुए घुसपैठिया पर नहीं बोलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उस समय ये समस्या इतनी साफ नहीं थी। कहा कि गायबथान की घटना के बाद घुसपैठिया समस्या का पता चला। कहा कि आदिवासी छात्रों को पीटा गया। लेकिन सरकार के किसी नेता या मंत्री ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोला। इऱफान अंसारी ने भी कुछ नहीं बोला।
सरना धर्म कोड के मामले पर कहा कि आपने सिर्फ बिल को पास करके दिल्ली भेज दिया। इसके लिए पूरी तरह से कोशिश नहीं की गयी। इसके लिए जिस तरह के आंदोलन की जरूरत थी, वो नहीं किया गया। सीता सोरेन ने कहा कि बीजेपी की सरकार बनने पर सरना धर्म कोड को लागू कराने का काम भी किया जायेगा।