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DGP अनुराग गुप्ता का बड़ा बयान- मैट्रिक पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी सहित 10 लोग गिरफ्तार

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द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड में मैट्रिक पेपर लीक को लेकर बवाल बचा है। एक तरफ जहां विधानसभा में विपक्ष पेपर लीक को लेकर मुखर है। सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। इसी बीच डीजीपी अनुराग गुप्ता का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए मैट्रिक पेपर लीक खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में शामिल सभी मुख्य आरोपी सहित 10 लोग गिरफ्तार हो गये हैं। डीजीपी ने बताया कि ट्रक से पेपर उतरते समय ब्लेड मारकर एक क्वेश्चन निकालकर वायरल किया गया था। 


स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने के दौरान पेपर गायब हुआ था
दरअसल पुलिस की जांच में पता चला है कि ट्रक से प्रश्न पत्रों को स्ट्रांग रूम तक पहुंचने में जिन मजदूरों को लगाया गया था उनमें कुछ छात्र भी थे। उन्हीं छात्रों ने कुछ प्रश्न पत्रों को गायब कर दिया। बताया जा रहा है कि इन्हीं लोगों के माध्यम से प्रश्न पत्र अलग-अलग इलाके में भेजे गये। पुलिस ने मंगलवार को गिरिडीह के न्यू बरगंडा में छापामारी कर इन छात्रों को गिरफ्तार भी कर लिया है। गिरफ्तार छात्रों के निशानदेही पर ही पुलिस स्ट्रांग रूम तक पहुंची और पूरी स्थिति का जायजा लिया। 


गिरिडीह से 6 लोग हिरासत में लिए गये
इधर आज सुबह ही कोडरमा पुलिस ने गिरिडीह नगर थाना क्षेत्र से 6 छात्रों को हिरासत में लिया है। दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी कि पेपर लीक मामले में कई संदिग्ध लोग गिरिडीह में रह रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने अहले सुबह गिरिडीह थाना क्षेत्र के न्यू बरगंडा के दो घरों में छापामारी की। हिरासत में लिये छात्र गिरिडीह में रहकर पढाई कर रहे थे। हिरासत में लिये गये छात्रों में से एक कमलेश ने कई लोगों को दसवीं बोर्ड का प्रश्न पत्र परीक्षा के पूर्व बेचा था और 15 से 20 हजार रुपये की कमाई की थी। 6 छात्रों को कोडरमा पुलिस अपने साथ ले गई है। इस छापामारी का नेतृत्व कोडरमा के एसडीपीओ अनिल सिंह कर रहे थे। वहीं डीजीपी ने कहा है इस पूरे मामले के उद्भेन में कोडरमा एसपी ने बहुत शानदार काम किया है। 


कल डीजीपी ने की थी समीक्षा बैठक 
बता दें  कि मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक भी की थी। उन्होंने कोडरमा जिले में पूरे मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया था। डीजीपी ने निर्देश दिया था कि जैक से प्रश्न पत्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाई जाने वाली पूरी प्रक्रिया को समझें, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पेपर लीक कहां से हुआ।