द फॉलोअप डेस्क
दिल्ली विधानसभा के दूसरे दिन का सत्र भारी हंगामे का गवाह बना। मुख्यमंत्री कार्यालय से डॉ. भीमराव आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाने के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने जोरदार नारेबाजी की। यह विरोध उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना के अभिभाषण के दौरान भी जारी रहा, जिससे विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आप के सभी विधायकों को सत्र से निलंबित कर दिया।
इसके पश्चात, कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने आप के 21 विधायकों को तीन दिनों के लिए (25, 27, और 28 फरवरी) निष्कासित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया गया। केवल अमानतुल्लाह खान इस निष्कासन से बचे, क्योंकि वे उस समय सदन में उपस्थित नहीं थे।
इससे पहले, उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी करने के आरोप में विपक्ष की नेता आतिशी सहित आप के 12 विधायकों को दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित किया गया था। आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मुख्यमंत्री कार्यालय से डॉ. आंबेडकर का चित्र हटाकर उनका अपमान किया है और पूछा, "क्या भाजपा मानती है कि नरेंद्र मोदी बाबासाहेब की जगह ले सकते हैं?"