द फॉलोअप डेस्क
हजारीबाग के माहेश्वरी परिवार के छह लोगों की मौत के मामले में सीबीआई की जांच का आग्रह करनेवाली राजेश माहेश्वरी की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई की गयी। कोर्ट ने प्रार्थी की ओर से दायर क्रिमिनल रिट याचिका को मंजूर कर लिया। और निर्देश दिया कि स्टेट एजेंसी के काबिल अधिकारी मामले का अनुसंधान करेंगे। यह भी कहा कि पहले की जांच में शामिल अफसरों को इसमें नहीं रखा जायेगा। कोर्ट ने जांच के लिए चार माह का समय दिया है। दरअसल पहले इस मामले की जांच सीआईडी कर रही थी। सीआईडी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा था कि यह आत्महत्या का मामला है। सीआईडी ने मामले में फाइनल फार्म भी कोर्ट में जमा कर दिया था। जिसे प्रार्थी ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया। कहा कि यह माहेश्वरी परिवार के लोगों के सुसाइड का मामला नहीं है। बल्कि यह हत्या का मामला है।
संदिग्ध अवस्था में मिले थे शव
प्रार्थी की ओर से एडवोकेट हेमंत सिकरवार ने अदालत को बताया कि 70 साल के महावीर माहेश्वरी और उनकी पत्नी (65) की मौत पंखे से लटककर बतायी जा रही है। जबकि मौत के बाद उनके दोनों पैर मुड़े हुए थे। बेड पर चादर भी सही तरके से रखे हुए थे। जबकि आत्महत्या के दौरान बेड खराब हालत में होना चाहिये था। गौरतलब है कि हजारीबाग के खजांची तालाब के निकट एक अपार्टमेन्ट में महावीर माहेश्वरी, उनकी पत्नी और पुत्र सहित तीन पीढ़ी के छह सदस्य की मौत 23 जुलाई 2018 को हो गयी थी।
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