रांची
रांची के कांके में स्थित 1996 से बंद बेकन फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने की पहल अब दिखने लगी है। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने आज इस फैक्ट्री का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद मंत्री ने कहा कि इस बंद फैक्ट्री को पुनः शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी चर्चा की गई है। एक समय में यह फैक्ट्री एशिया की सबसे बड़ी बेकन फैक्ट्री हुआ करती थी, लेकिन महज 25 हजार रुपए की वजह से यह बंद हो गई। सूकर मांस के विभिन्न प्रकार के रेडी-टू-इट व्यंजन तैयार कर "रैनबेक" ब्रांड के नाम से ब्रांडिंग की जाती थी। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि इस फैक्ट्री के फिर से शुरू होने से सूकर पालन से जुड़े लोगों को लाभ होगा। सूकर पालकों के व्यवसाय में वृद्धि होगी। इसके साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि ब्यूरोक्रेट्स पर पूरी तरह से निर्भर रहकर किसी काम को नहीं छोड़ा जा सकता है। हमें अपनी इच्छाशक्ति से काम करते हुए सकारात्मक परिणाम हासिल करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत वितरण किए जा रहे पशु अगर विभाग के फार्म सेंटर में तैयार किए जाएं, तो यह और भी बेहतर होगा। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र और बत्तख प्रजनन प्रक्षेत्र, होटवार की स्थिति देखकर नाराजगी जताई। यहां बनाए गए शेड की गुणवत्ता बेहतर नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों को फटकार भी लगाई।
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने स्पष्ट शब्दों में भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री ने पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान (IAHP) और टीका औषधि लैब के बेहतर उपयोग पर बल दिया और कहा कि विभाग हर स्तर पर सहयोग करने के लिए तैयार है।