द फॉलोअप डेस्क
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर झारखंड सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट सझा करते हुए कहा, ''हेमंत सोरेन जी की सरकार झारखंड में शराब नीति के संशोधन की तैयारी कर रही है। फिर से वही 'राजस्व की वृद्धि' वाला तर्क दिया जा रहा है। इस बार लक्ष्य 4000 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह का रखा गया है। पिछली दफ़ा लागू की गई शराब नीति में 'ऑफिशियल खर्च' के नाम पर धड़ल्ले से शराब की निर्धारित क़ीमत से प्रति बोतल औसतन 10 से 30 रुपये अधिक वसूले जाते थे, इसके बावजूद राजस्व संग्रह लक्ष्य से सैकड़ों करोड़ रुपये कम था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी यह तो तय कर लें कि उन्हें शराब की नीति खुद के लिये और ज़्यादा नोट कमाने वाला चाहिये या राज्य का राजस्व बढ़ाने वाला? मैंने पहले भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि शराब दुकानों के आवंटन में सड़क किनारे हड़िया बेच रहीं आदिवासी महिलाओं को प्राथमिकता दी जाए ताकि वे भी सम्मानपूर्वक अपना जीवनयापन कर सकें। अगर सरकार को सच में राजस्व बढ़ाना है और साथ ही झारखंड की ज़मीन से जुड़े लोगों का भला करना है, तो संगठित शराब माफियाओं के आगे बेबस पारंपरिक तरीके से अपनी रोज़ी-रोटी कमाने वाली आदिवासी महिलाओं को शराब दुकान के आवंटन में प्राथमिकता दें।''
हेमंत सोरेन जी की सरकार झारखंड में शराब नीति के संशोधन की तैयारी कर रही है। फिर से वही 'राजस्व की वृद्धि' वाला तर्क दिया जा रहा है। इस बार लक्ष्य 4000 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह का रखा गया है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) February 20, 2025
पिछली दफ़ा लागू की गई शराब नीति में 'ऑफिशियल खर्च' के नाम पर धड़ल्ले से शराब की… pic.twitter.com/M29qqPIKws