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सीएम चंपाई की कार्यशैली से नाखुश हैं कांग्रेस कोटे के मंत्री, कैबिनेट मीटिंग का कर सकते हैं बायकॉट

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

नायक के अनिल कपूर की तर्ज पर काम कर रहे मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की कार्यशैली उनके कैबिनेट के कुछ मंत्रियों को पसंद नहीं है। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के सामने कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की एक नहीं चल रही। आलम ये है कि मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इसकी शिकायत करने का मन बना चुके हैं। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री के कामकाज का तरीका कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को रास नहीं आ रहा। उनकी कार्यशैली से कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम नाराज हैं। खींचतान इतनी ज्यादा है कि, चारों मंत्री शनिवार को प्रस्तावित कैबिनेट मीटिंग का बहिष्कार कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों का यह आरोप है कि मुख्यमंत्री किसी की नहीं सुनते। जो जी में आये करते हैं। 

वन मैन आर्मी की तरह काम कर रहे सीएम चंपाई
मंत्रियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन वन मैन आर्मी की तरह काम कर रहे हैं। मंत्रिमंडल की सहमति लिये बगैर फैसला करते हैं। किसी भी योजना या परियोजना की लॉन्चिंग से पहले संबंधित विभागीय मंत्री से रायशुमारी भी नहीं करते। सूत्रों का यह भी कहना है कि चंपाई सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विश्वस्त अधिकारियों तक को दरकिनार कर दिया है। कहा तो यह भी जा रहा है कि कांग्रेस कोटे के मंत्री अपने केंद्रीय नेतृत्व और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिकायत करने का मन बना चुके हैं। 
सूत्रों का कहना है कि विभागीय कार्यों में भी सीएमओ की दखलअंदाजी मंत्रियों को असहज करती है। 

कांग्रेसी मंत्रियों ने नाराजगी सरेआम की
कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने अपनी नाराजगी सरेआम कर दी है। जमशेदपुर में आज सीएम, कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने वाले थे। प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक, इसमें स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भी हिस्सा लेना था लेकिन वह नहीं आये। आज चाकुलिया में भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में मंत्री आलमगीर आलम नहीं पहुंचे। संभवत, कल कैबिनेट की मीटिंग का भी बहिष्कार कर सकते हैं।

जनवरी में सरकार को आई थीं कई मुश्किलें
गौरतलब है कि 31 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद गठबंधन सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। सियासी उथल पुथल के बीच चंपाई सोरेन ने सरकार तो बना ली लेकिन कांग्रेस के 12 विधायक नाराज हो गये। किसी तरह से उनको समझाया बुझाया गया। बजट सत्र में विधायकों ने हिस्सा भी लिया। अब कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की नाराजगी की बात सामने आ रही है। यह न तो राज्य के लिए अच्छा है और ना ही गठबंधन सरकार की छवि के लिए। खैर, उनका रायता उन्हें ही समेटना है।