द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ होने के संकेत दिए। जस्टिस आनंदा सेन की अदालत ने गुरुवार को हेमंत सोरेन सरकार को निर्देश दिया कि वो 3 हफ्ते में चुनाव की घोषणा करके इसकी अधिसूचना जारी करे। पार्षद रोशनी खलखो की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाईकोर्ट ने यह निर्देश जारी किया। हालांकि, झारखंड में नगर निकाय चुनाव इतना आसान भी नहीं है क्योंकि आजसू पार्टी बिना ट्रिपल टेस्ट कराए चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है। पार्टी, सुप्रीम कोर्ट का रुख भी कर सकती है। दरअसल, आजसू पार्टी का मानना है कि बिना ट्रिपल टेस्ट के चुनाव कराना ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय होगा। कहना है कि पहले पंचायत चुनाव में भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला।
हाईकोर्ट ने इस आधार पर दिया निर्देश
गुरुवार को याचिकाकर्ता रोशनी खलखो को पक्ष रख रहे अधिवक्ता विनोद सिंह ने सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार की रिट याचिका संख्या 278/2022 का हवाला देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने नगर निकाय/पंचायत चुनाव के लिए ट्रिपल टेस्ट को जरूरी बताया है लेकिन यह नहीं कहा कि इसके बिना चुनाव नहीं हो सकता। उन्होंने सरकार पर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने और कोर्ट को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलील से सहमति जताते हुए सरकार को 3 हफ्ते में चुनाव की घोषणा कर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया लेकिन आजसू पार्टी का इससे अलग पक्ष है। इस सिलसिले में द फॉलोअप ने आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत से बातचीत की।
आजसू पार्टी ट्रिपल टेस्ट के बाद चुनाव के पक्ष में
आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि पंचायत चुनाव भी बिना ट्रिपल टेस्ट के हुआ। सरकार ने ओबीसी आरक्षण शून्य कर दिया। अब नगर निकाय चुनाव भी बिना ट्रिपल टेस्ट और ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित किए बिना हुआ तो यह अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का स्पष्ट मानना है कि पहले ट्रिपल टेस्ट होना चाहिए। ओबीसी का आरक्षण सुनिश्चित हो। कम से कम राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी आरक्षण का जो मानक है उसका पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर निकाय/ पंचायत चुनाव में एसटी, एससी, अल्पसंख्यक और पिछड़ा समुदाय का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होना चाहिए।
डॉ. देवशरण भगत ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने डायरेक्शन दिया था कि चुनाव से पहले ट्रिपल टेस्ट कराइये। पिछड़ों का आरक्षण सुनिश्चित कीजिए। सरकार पिछड़ों का आरक्षण शून्य कर चुकी है। चंद्रप्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने जवाब दाखिल किया कि हमलोग राज्य में ट्रिपल टेस्ट कराएंगे। अब हाईकोर्ट ने चुनाव कराने का निर्देश दिया। सरकार को नगर निकाय चुनाव कराना है लेकिन हमारा कहना है कि चुनाव तो तय मानकों को हिसाब से होना चाहिए। पिछड़ों का आरक्षण सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमलोग हाईकोर्ट का निर्देश पढ़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश भी देखेंगे। हम यह भी देखेंगे कि यह मध्य प्रदेश का मामला क्या है।
बिना ट्रिपल टेस्ट चुनाव कराना पिछड़ों के साथ अन्याय
बिना ट्रिपल टेस्ट चुनाव कराना पिछ़ड़ों के साथ अन्याय होगा। ओबीसी की भागीदारी होनी चाहिए। देरी हुई। ओबीसी को प्रतिनिधित्व नहीं मिला। इसके लिए सरकार जवाबदेह है। सरकार को जिम्मेदार और जवाबदेह होना चाहिए। सरकार के पास निर्णय लेने की क्षमता नहीं है। केवल अखबार में छपने से काम नहीं चलता। कानून के दायरे में फैसला लेना होगा। संवैधानिक प्रावधानों का पालन करना होगा। सरकार ने संविधान को ताक पर रखकर भावनाओं का उभार हुआ है।