द फॉलोअप डेस्कः
मां के साथ आंगनबाड़ी से घर लौट रही एक मासूम बच्ची नैंसी को तेंदुआ उठा कर ले गया। लोगों ने बच्ची को खोजना शुरू किया तो वह लहुलूहान हालत में मिली। आनन-फानन में उसे पास के अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। बच्ची की उम्र तीन साल थी। यह दिल को झकझोर देने वाली यह घटना तमिलनाडु के नीलगिरी में हुई। जबकि नैंसी झारखंड की रहनेवाली है।
बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया
इस घटना के बाद वन विभाग की टीम ने पूरा दम लगाया, काफी मशक्कत के बाद तेंदुए को पकड़ लिया गया। तेंदुए को पकड़ने के लिए 6 पिंजरे लगाये गये, वहीं ड्रोन के जरिए भी तेंदुए की हरकत पर नजर रखी गई। तेंदुए को पकड़ने के लिए पालतू हाथी को बुलाया गया। हाथी के ऊपर बैठे एक वनपाल ने तेंदुए को बेहोशी का इंजेक्शन दिया। इसके बाद तेंदुए को जाल में जकड़ उसे एक पिंजरे में बंद कर दिया गया। तेंदुआ चार साल का नर तेंदुआ है।
महिलाओं पर पहले भी किया है अटैक
पकड़े जाने से पहले इस तेंदुए ने कई महिलाओं पर अटैक किया था। हमले में सरिता नाम की एक महिला की भी बीते साल 28 दिसम्बर को मौत हो गई थी। तेंदुआ को पकड़ने के लिये स्थानीय लोग सड़क पर उतर आये थे, वहीं उसे गोली मार देने की डिमांड की थी। सरकार ने तेंदुए के हमले में मारे गये दोनों लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की देने का ऐलान किया है।
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