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झारखंड में अपने ही गढ़ में हारे कई दिग्गज, सीता और गीता भी हुईं फेल

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द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। इसबार इंडिया गठबंधन ने बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए कुल 56 सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा के 19 सीटिंग विधायक चुनाव हार गये हैं। भाजपा सिर्फ डाल्टनगंज, कोडरमा, धनबाद, रांची, हटिया और पांकी सीट बचाने में कामयाब रही। लेकिन इस चुनाव में कई दिग्गज अपनी कुर्सी गंवा बैठे हैं। 


झामुमो के शानदार प्रदर्शन के बावजूद मंत्री मिथिलेश ठाकुर, बैद्यनाथ राम और बेबी देवी हार गईं। जबकि कांग्रेस के मंत्री बन्ना गुप्ता हार गये। 2019 में राजद के लिए एकमात्र सीट जीतने वाले सत्यानंद भोक्ता अपनी बहू रश्मि प्रकाश को चतरा में जीत नहीं दिला पाए। गढ़वा में मंत्री मिथिलेश ठाकुर चुनाव हार गये। लातेहार में मंत्री बैद्यनाथ राम को भाजपा के प्रकाश राम ने हरा दिया। जबकि डुमरी में JLKM के जयराम महतो ने मंत्री बेबी देवी को हरा दिया। वही सिल्ली से सुदेश महतो भी अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए। 


सीता और गीता हुईं फेल
इस चुनाव में भी सीता और गीता नहीं चल पाई। भाजपा ने गीता कोड़ा से कोल्हान में काफी उम्मीदें पाल रखी थी। चाईबासा लोकसभा सीट हारने के बावजूद भाजपा ने उन्हें जगन्नाथपुर से प्रत्याशी बनाया था। फिर भी गीता कोड़ा कांग्रेस विधायक सोनाराम सिंकू से हार गईं। भाजपा के लिए सीता सोरेन भी कुछ नहीं कर पाई। गुरुजी के परिवार से मैदान में उतरे हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने अपनी-अपनी सीटें जीत ली। लेकिन सीता सोरेन जामताड़ा में इरफान अंसारी से हार गईं। सीता को भी भाजपा ने लोकसभा चुनाव में दुमका सीट से प्रत्याशी बनाया था।