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आख़िरी जोहार : दो दिन का राजकीय शोक- सुर कोकिला की अंतिम बिदाई पर राज्यपाल और स्पीकर ने क्या कहा, जानिये

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रांची:

सुर कोकिला लता मंगेशकर आज शाम पंच तत्व में विलीन हो गईं। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में 06 फरवरी से दिनांक 07 फरवरी तक दो दिवसीय राजकीय शोक मनाने की घोषणा की है। गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) को इसकी सूचना भी दी है। राज्य सरकार ने बताया कि 
राज्य के उन सभी भवनों, जहाँ नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाते  है, पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगें एवं किसी भी प्रकार के राजकीय समारोह का आयोजन नहीं किया जाएगा।

 

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इधर, राज्यपाल रमेश बैस ने स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुःख व शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि लता जी ने अपने गायन से पूरे विश्व में अमिट पहचान स्थापित की। भारतीय संगीत में उनके अतुलनीय योगदान को सदा स्मरण किया जायेगा। प्रखर देशभक्त व प्रेरणादायी व्यक्तित्व लता जी का जाना पूरे देशवासियों एवं कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। राज्यपाल महोदय ने कहा कि पूरी दुनिया के संगीतप्रेमी आज उदास हैं। उनकी सुरीली आवाज हमेशा हमारे बीच गूंजती रहेगी। उन्होंने इस महान पुण्यात्मा के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ईश्वर शोकाकुल परिजनों एवं उनके असंख्य प्रशंसकों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।

 

विस स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने अपनी शोक संवेदनाओं को प्रकट करते हुए कहा कि, लता मंगेशकर का हमारे बीच से चला जाना देश सहित विश्व में उनके चाहने वाले के बीच संगीत के अक्षरों में भरा जाने वाले उस स्वर का हमेशा के लिए निर्वात में पलायन के समान है। लंबे समय तक उन्होंने विभिन्न भाषाओं में जिस प्रकार अपनी सुरीली आवाज से हमारे मन मस्तिष्क को मोहित किया, उनका व्यक्तित्व भी उतना ही प्रेरणादायी था। उनके देहांत के साथ-साथ आज उस गायिकी- काल का अंत हो गया। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं, पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्वीकार करें। शोक संतप्त परिवार और उनके प्रशंसकों को उनकी कमी से उबरने में संबल प्रदान करें।