द फॉलोअप डेस्क
बिहार में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। गर्मी और हिटवेव की वजह से मरने वाले लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। इस तपती गर्मी में मौसम विभाग की ओर से लोगों की अपील की गई है कि बहुत जरूरी काम होने पर ही घर से निकलें। लू के कारण होने वाले संभावित मौत को लेकर बिहार सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी किया गया है। जिसमें लू से मरने वाले परिवार को मुआवजा देने को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
वर्बल ऑटोप्सी करने का दिया गया निर्देश
लू के कारण होनेवाली संभावित मौत को लेकर दी गई गाइडलाइन में चिकित्सकों को वर्बल ऑटोप्सी करने का निर्देश दिया गया है। चिकित्सकों को लू के कारण संभावित मौत के वास्तविक कारणों का निरीक्षण करना है जिससे पीड़ित परिवार के आश्रित को सहायता राशि मिलने में कठिनाई नहीं हो।अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के बारे में कुछ जानकारी अब जुटानी पड़ेगी और उसका पूरा ब्यौरा दर्ज करना होगा। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों में भेज दिया गया है। इस फॉर्म में मरीज का विस्तृत ब्योरा दर्ज किया जाना है।
24 घंटे पहले की क्लिनिकल हिस्ट्री अब लेनी होगी
फॉर्म से मरीजों के परिजनों से पूछा जाएगा। जैसे कि मरीज बेहोश या मौत की स्थिति में अस्पताल पहुंचा है। वह कौन सा स्थान है जहां पर मरीज बेहोश हुआ था। मरीज किस राज्य , किस जिला, किस प्रखंड और किस गांव का रहनेवाला है। अगर कोई मरीज मौत की स्थिति में अस्पताल पहुंचता है तो वह कौन सा अस्पताल है और उसका क्या पता है। किस समय मरीज की मौत हुई और किस तिथि को हुई। मृतक के मौत से 24 घंटे पहले की क्लिनिकल हिस्ट्री अब लेनी होगी। इसमें मरीज के परिजन का बयान और मेडिकल रिकार्ड का मिलान किया जाएगा।