पटना
नीतीश कुमार (Nitish Kuma) की अचानक राज्यपाल से मुलाकात पर जनसुराज के मुखिया प्रशांत किशोर (Prashant kishor) ने कहा कि दरअसल नीतीश कुमार को कुर्सी जाने का डर सता रहा है। आगे उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद वे किधर जायेंगे, उनको खुद ही पता नहीं है। कहा कि कुछ दिन पहले कोऑर्डनेशन कमेटी की बैठक हुई। उसमें उनकी पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह नहीं गए। ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार कल BJP में जा रहे हैं। ये नीतीश कुमार की राजनीति का तरीका है जो उनके साथ रहता है, उनको हमेशा डराते रहते हैं कि अगर हम पर ध्यान नहीं दोगे तो हम उधर भी जा सकते हैं। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और कहेंगे कि मेरी अंतरात्मा कह रही है कि अब इन लोगों के साथ नहीं रहेंगे।
कल ये दलील देंगे नीतीश
किशोर ने इसे और साफ करते हुए कहा कि नीतीश ये दलील देंगे कि सब लोग एकजुट हुए नहीं हुए। मैंने कहा था कि सब लोग एकजुट हो जाइए नहीं हुआ तो अब मेरा क्या गलती। अब फिर से BJP में जा रहे हैं। कहा, नीतीश कुमार इसी तरह की राजनीति करते रहते हैं। मैं हर दिन बताता हूं कि मुझे नहीं लगता कि वो लोकसभा से पहले छोड़कर जाएंगे। लोकसभा तक वह रहेंगे। वो क्यों महागठबंधन बनाए हैं पहले ये समझिए। नीतीश कुमार ने महागठबंधन बनाया अगस्त में। उससे पहले मार्च में दिल्ली आकर मेरे साथ घंटों बैठे थे। पटना में भी मिले थे, वो सिर्फ इसलिए RJD के साथ गए, क्योंकि उनके दिमाग में ये बात आ गई थी कि 2024 के लोकसभा के चुनाव के बाद अगर BJP देश में जीत जाएगी तो उनको हटाकर अपना मुख्यमंत्री बना देगी। JDU के 42 विधायक थे और BJP का 75। तो इसी डर से इन्होंने सोचा कि BJP हमको हटाए इससे पहले हम खुद महागठबंधन बना लेते हैं कम से कम 2025 तक कुर्सी बची रहेगी।
किस दिशा में जायेंगे, उनको भी नहीं पता
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि 2024 के लोकसभा नतीजों के बाद नीतीश कुमार किस दिशा में जाएंगे ये धरती पर कोई नहीं बता सकता। खुद नीतीश कुमार भी नहीं बता सकते। उनको भी इस बात का पता नहीं है। सहूलियत के हिसाब से इतना बताया जा सकता है कि नीतीश कुमार की अपनी जो सहूलियत होगी जिसमें उन्हें अपना स्वार्थ दिखेगा उस दिशा में वो जाएंगे। उनकी राजनीति का यही तरीका रहा है। इसे समय रहते समझ लेना चाहिये।