रांची:
अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि राज्य में भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और हिंदी को दरकिनार कर झारखंड में किसी भी पार्टी के लिए सरकार चलाना बिल्कुल असंभव है। वहीं मुख्यमत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि भाषाई विवाद को समय रहते हुए अविलंब समाप्त करने की पहल करें। क्योंकि झारखंड के रोम-रोम में बिहार बसा हुआ है। युगों से निवास करने वाले बिहारियों को नजरंदाज कर भावनाओं में भटक कर कोई भी असंवैधानिक फैसला लेना सरकार के लिए अहितकारी साबित होगा। मंच की ओर से मांग है की भाषाई विवाद को समाप्त करने के लिए सर्वमान्य समाज का ख्याल करते हुए एक उचित निर्णय अविलंब सरकार ले। मंच ने अपनी मांग को लेकर 6 मार्च को सम्पूर्ण झारखंड बंद रखने का आह्वान किया है।
मंच के बैनर तले आज विभिन्न संगठनों की बैठक हुई। मौके पर अपील पत्र भी जारी किया गया। अपील करने वालों में बबन चौबे(जयहिंद पार्टी), उपेंद्र नारायण सिंह(जेडीयू), राजकिशोर सिंह (राजद), सुबोध ठाकुर(नाई संघ), प्रदीप तिवारी, कमल ठाकुर, विशाल सिंह (सर्व भाषा बचाओ मंच), राजेंद्र सिंह (सामाजिक एकता मंच), चंद्रिका यादव (जनवितरण प्रणाली संघ), सरजू प्रसाद (एचईसी सेवानिवृत कर्मचारी संघ) महारुद्र सिंह (भाषा बचाओ मंच बोकारो) योगेंद्र शर्मा (घर बचाओ समिति) डा. सत्यप्रकाश मिश्रा (सदान विकास मोर्चा), बीएल पासवान (राष्ट्रीय अंबेडकर सेना), रामकुमार यादव ( श्रीकृष्ण विकास परिषद), सुरेश राय (यादव महासंघ), पूनम सिंह, उषा देवी (महिला विकास समिति), तेतरी देवी (महिला समिति), अनिल कुमार, विजय कुमार (अधिवक्ता ) ,प्रो. दीना नाथ डॉन,,प्रो गोपाल यादव (बुद्धिजीवी मंच), अमृतेश पाठक (अभिभावक मंच), अनुज शर्मा (शिक्षक सेवा संघ), मनोज चंद्र ( नौजवान छात्र मोर्चा), अनिल सिंह (भोजपुरी मगही बचाओ मंच धनबाद) आदि शामिल हैं।
मौके पर सुनील पांडेय, बीएल पासवान, राजद नेता राजकिशोर सिंह, जेडीयू महानगर अध्यक्ष अखिलेश राय, रामकुमार यादव, प्रदीप तिवारी, रामानंद शर्मा, सरजू प्रसाद, सुबोध राम, गौरीशंकर सिंह, चंद्रिका यादव, सुरेश सिंह, सनोज मिश्रा,संजय पाल, दिनेश प्रसाद, जैनेंद्र राय,सुशील राय, सूचित सिंह, कमलेश पाल, राजेश यादव, पीपी राव सहित अनेक लोग मौजूद थे।