झारखंड में हर साल काम के बहाने बहला-फुसलाकर कम उम्र के बच्चे-बच्चियों को मानव तस्कर राज्य से बाहर ले जाते हैं। इनमें आदिवासी लड़कियों की संख्या अधिक रहती है। लेकिन हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने इसके विरुद्ध कमर कस ली है।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की कार्यवाही में शामिल होने के बाद हाथरस पीड़िता का परिवार सोमवार देर रात वापस गांव पहुंच गया