logo

ram की खबरें

BJP ने जो सोचा भी नहीं था वो हमारी सरकार ने कर दिखाया, बोले वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव

झारखंड सरकार के 2 साल पूरे होने पर वित्त तथा खाद्य आपूर्ति डॉ रामेश्वर उरांव ने पत्रकारों से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि अलग झारखंड राज्य गठन के बाद 16 वर्षां के शासनकाल में राज्य के विकास को लेकर भाजपा जो सोच भी नहीं पाई उसे महागठबंधन की सरकार ने कर दि

समाजवादी-ललक अंतिम क़िस्त: पढ़े लिखे शीर्ष राजनीतिज्ञ से कहीं ऊपर मौलिकता के मनुष्य प्रतिष्ठान की तरह थे लोहिया

गांधीवादी वरिष्ठ लेखक कनक तिवारी की क़लम से धुर समाजवादी लीडर डॉ .राम मनोहर लोहिया को समझने की कोशिश

समाजवादी-ललक-़19: लोहिया का व्यक्तित्व जटिल, पेचीदा और अनिश्चित सा लगता रहा

लोहिया व्यावहारिक राजनीति के खिलाड़ी होने के बावजूद आदर्शवादी राजनीतिज्ञ ही थे

समाजवादी-ललक-़18: भारतीय वर्ण-व्यवस्था के रहस्यों का पता खोजने के बाद भी  मिलना मुश्किल -लोहिया

डाॅ. लोहिया की पुस्तक ‘‘इतिहास चक्र‘‘ में छोटे पैमाने पर इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं राजनीतिशास्त्र से सम्बन्धित विचार उपस्थित

समाजवादी-ललक-़17: इतिहास और संस्कृति को टुकड़ों में देखना लोहिया का नज़रिया नहीं रहा

लोहिया को आजा़दी के बाद सरकार ने 16 बार जेल की हवा खिलाई थी। यह अलग बात है कि विरोधाभास में नेहरू ने अपने सबसे कटु आलोचक की निंदा करते भी एक तरह का सम्मान दे दिया था।

समाजवादी-ललक-़16: लोहिया गांधी के भक्त ज़रूर थे, लेकिन गांधीवादियों के प्रशंसक नहीं

गांधीवादी लेखक कनक तिवारी के मार्फत लोहिया को समझने की कोशिश

समाजवादी-ललक-़15: 1936 में डाॅ. लोहिया ने नागरिकता को किया था परिभाषित

लोहिया लिखते हैं-‘‘नागरिक स्वाधीनता की रक्षा के लिये सभी प्रकार की खाइयां खोदनी चाहिये और किले बनाने चाहिये।

समाजवादी-ललक-़13: लोहिया के बक़ौल सांवली स्त्री में कुदरती लावण्य और असीम प्रेम करने की अपूर्व गुंजाइशें रहती है

नारी के लिए लोहिया के मन में आदर देने की ललक थी। वे पूरी दुनिया लेकिन भारत में ज़्यादा नर नारी की गैरबराबरी को लेकर परेशान थे।

समाजवादी-ललक-़11: जब अपने पथ प्रदर्शक नेहरू और उनके चिंतन से लोहिया ने तोड़ लिया था पूरी तरह नाता

लोहिया के जीवनकाल में ही जनसाधारण और गरीब लोग उन्हें महात्मा गांधी के बाद अपना सबसे बड़ा मसीहा मानने लगे थे।

रामायण स्पेशल ट्रेन में भगवा पोशाक पर किसको आपत्ति थी, क्यों हुआ बदलाव! 

आपने खबर पढ़ी होगी कि कुछ दिन पहले भारतीय रेलवे की ओर से रामायाण स्पेशल ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया था। इस ट्रेन के जरिए यात्रियों को भगवान श्रीराम से जुड़े स्थानों की यात्रा करवाई जा रही है। अयोध्या, सीतामढ़ी और चित्रकूट सहित अन्य धार्मिक स्थलों की सै

समाजवादी-ललक-़10: दक्षिणपंथ और वामपंथ -किसके निकट थे लोहिया

वामपंथ के शीर्ष नेता नम्बुदिरिपाद से लोहिया की एक मायने में पटरी नहीं बैठती थी।       इसलिए नहीं कि नम्बुुदिरिपाद में और किसी मुद्दे को लेकर उसे मतभेद था। वह चीन के भारत पर आक्रमण के मुद्दे को लेकर तो था ही।

Load More