रांची:
रामनवमी सुर्खियों में है। मौजूदा हालात में स्थिति तनावपूर्ण बनती जा रही है। ऐसे में गंगा-डमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं नसीम। नसीम किरीबुरु में रहते हैं। वो एक फल कारोबारी हैं। नसीम की मानी बाजार में बैंक मोड़ में फल की दुकान है। नसीम इस शहर का सिर्फ एक नाम नहीं हो जहिंदु-मुस्लिम के बीच आपसी भाईचारे को मजबूत कर रहा है।
हिंदू त्योहारों में हिस्सा लेते हैं मुस्लिम युवा
अबरार अहमद, इकबाल अहमद, रिंकू, रब्बे आलम, आफताब आलम, इंतखाब आलम, ताज मोहम्मद, अफताब आलम उर्फ लाल और हमीद जैसे कई नाम हैं जो हिंदुओं के तमाम पर्व-त्योहारों में बनने वालाी कमिटि में केवल पदाधिकारी होते हैं बल्कि पूरी सक्रियता से प्रत्येक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं।
माहौल खराब करने की कोशिश नाकाम
नसीम भी रामनवमी धूमधाम से संपन्न कराने के लिए अपने हिंदू भाइयों के साथ ध्वज बांध रहे हैं। किरीबिरु मेघाहातुबुरु शहर से पहले ही आपसी भाईचारे के लिए पहचाना जाता है। यहां कभी भभाषा, जाति तथा क्षेत्रवाद को लेकर विवाद नहीं रहा। समय-समय पर कुछ समाज विरोधी कारकें यहां माहौल कऱाब करने की कोशिश करती है लेकिन उसका प्रभाव नहीं पज़ा।