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चैत्र नवरात्रि में क्या खायें और क्या नहीं, क्या है धार्मिक मान्यता; जान लीजिये

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द फॉलोअप डेस्क :
नवरात्रि मां दुर्गा शक्ति का रूप है, देवी को प्रसन्न करने के लिए लोग इन 9 दिनों में व्रत रखते हैं। ऐसे में आखिर नवरात्रि के दौरान लहसुन-प्याज खाने की मनाही क्यों है?
चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से शुरू होने जा रही है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से 17 अप्रैल को राम नवमी तक 9 दिनों तक धरती माता पृथ्वी पर निवास करेंगी। नवरात्रि एक बहुत ही पवित्र त्योहार है, जो लोग इस दौरान व्रत रखते हैं। वे केवल फलाहार का सेवन करते हैं। वहीं जो लोग व्रत नहीं रखते हैं, वे भी सात्विक भोजन का सेवन करते हैं। चैत्र नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक तामसिक भोजन खाने पर सख्त मनाही होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि के दौरान लहसुन और प्याज का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं इसके पीछे की मान्यता।


नवरात्रि में लहसुन-प्याज क्यों नहीं खाना चाहिए
हिंदू पुराणों के अनुसार पूजा-पाठ या किसी भी व्रत के दौरान लहसुन-प्याज युक्त भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि लहसुन और प्याज तामसिक प्रकृति के होते हैं और इन्हें अशुद्ध श्रेणी में शामिल किया जाता है। कोई भी पूजा या व्रत तभी फलदायी होता है जब व्यक्ति का अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण हो और उसका मन पवित्र हो। प्याज और लहसुन का संबंध दुष्ट ग्रह राहु-केतु से माना जाता है। इनका सेवन करने से अज्ञानता को बढ़ावा मिलता है और व्यक्ति में वासना भी बढ़ती है। इसलिए, नवरात्रि व्रत या किसी भी व्रत के दौरान लहसुन और प्याज का सेवन करना वर्जित है।


राक्षसी गुण से युक्त है
प्याज और लहसुन अमृत से उत्पन्न होने के कारण रोगनाशक हैं, लेकिन इनमें राक्षसी रक्त का मिश्रण होने के कारण इसमें राक्षसी गुण भी मौजूद होते हैं, इसलिए इन्हें अशुद्ध माना जाता है। इसके सेवन से क्रोध, हिंसा और पाप बढ़ता है। यही कारण है कि पूजा के दौरान भी भगवान को लहसुन और प्याज का भोग नहीं लगाया जाता है। 

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