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गढ़वा में नसबंदी के बाद भी गर्भवती हुई महिला, पति ने की शिकायत तो डॉक्टर ने पीटा, अपशब्द भी कहा

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द फॉलोअप टीम, गढ़वा:

गढ़वा के प्रतिष्ठित आरोग्यं हॉस्पिटल से एक बेहद ही अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति ने अस्पताल के संचालक और डॉक्टर पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित राहुल राम का कहना है कि डॉक्टर दीपक पांडे ने उसके साथ मारपीट की है। पूरा मामला क्या है पहले यहां समझिये। पीड़ित ने थाने में दिये आवेदन में कहा है कि "मैं राहुल राम मेराल थाना क्षेत्र के गोंदा गांव का रहने वाला हूं। 8 जनवरी 2021 को अपनी पत्नी सविता देवी का आरोग्यं अस्पताल गढ़वा में परिवार नियोजन हेतु बंध्याकरण कराया था। बंध्याकरण के बाद भी मेरी पत्नी गर्भवती हो गई। उसे लेकर मैं आरोग्यं अस्पताल गढ़वा पहुंचा। साहिया संजू देवी की सहायता से 18 सितंबर को पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा। वहां डॉ दीपक पांडे से मैंने पूछा कि जब आप परिवार नियोजन का ऑपरेशन किया था, तो फिर पत्नी गर्भवती कैसे हो गई"। 

डॉक्टर ने पत्नी को दोबारा भर्ती करवा दिया
राहुल का आरोप है कि उसके सवाल करने पर डॉक्टर ने कहा कि "आप यहीं पत्नी को भर्ती करा दीजिए सब ठीक हो जाएगा। मैं डाक्टर के झांसे में आकर वहां अपनी पत्नी को भर्ती करा दिया। वहां डॉक्टर दीपक पांडे ने मेरे पत्नी के गर्भ मे पल रहे बच्चे की हत्या कर दी। उन्होंने मुझसे ऑपरेशन के लिए 24000 रुपए, 4 बोतल खून का 5550 प्रति बोतल, कुल 22000 पुनः परिवार नियोजन के लिए 3000 कुल मिलाकर 49000 रुपये ले लिए अभी भी फाइनल बिल बाकी है। मेरी पत्नी अभी भी वहां भर्ती है"। 

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डॉक्टर ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया
आगे राहुल ने आवेदन में लिखा है कि "4 अक्टूबर को मैं अपनी पत्नी सविता देवी को देखने गया था उसका पेट फुला हुआ था। मैं इसकी जानकारी लेने डॉक्टर दीपक पांडे के पास गया तो उन्होंने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि तुम्हारा इतना औकात हो गया की जुबान लड़ाने लगा"। जब मैंने इसका विरोध किया तो दीपक पांडे ने अस्पताल के कंपाउंडर चंदन तथा डॉक्टर के नौकर एवं अन्य दो लोगों के को बुलाया और अपशब्द कहा। जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया।

डॉक्टर पर लगाया लात-घूंसे से पीटने का आरोप
राहुल का आरोप है कि सबने अस्पताल का गेट बंद कर मुझे लात-मुक्का से पीटा और धमकी दिया गया कि अभी इलाज का खर्च जमा कर अपनी पत्नी को ले जाओ, अगर इस घटना की सूचना थाना को या अन्य किसी को दिया तो जान से मार दूंगा। मैं किसी तरह वहां से जान बचाकर थाने में आकर आवेदन दे रहा हूं। मैं और पत्नी जीवन और मौत से जूझ रहे हैं"। 

पीड़ित राहुल ने दर्ज करवाया मामला
पीड़ित राहुल ने कहा कि उसे डॉक्टर कह  रहा था कि चिल्लाओ मत यहां से जाओ, नहीं तो मार कर दंडा तोड़ देंगे।  यह कहते हुए दीपक पांडे ने मारना भी शुरू कर दिया । फ़िलहाल पीड़ित ने अस्पताल के डॉक्टर दीपक पांडे के विरुद्ध आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। वहीं गढ़वा सिविल सर्जन कमलेश कुमार ने बताया कि कि मेरे यहां अभी तक कोई आवेदन नहीं आया है अगर आवेदन आए तो हम जो उचित करवाई होगा वह करने के लिए तैयार हैं।