द फॉलोअप टीम, रांची:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 मई को वाराणसी के डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये बातचीत कर रहे थे। उन्होंने इन सभी की जी-तोड़ मेहनत के लिए तारीफ़ की और फिर एक पुरानी बात का ज़िक्र किया। कहा, “ज़मीन पर किया गया काम हमेशा नज़र आता है। मुझे याद है पूर्वांचल में पहले किस तरह बच्चों में दिमागी बुखार वाली बीमारी का कहर था। इससे हर वर्ष हज़ारों बच्चों की दुखद मृत्यु हो जाती थी। आपको याद होगा आज जो हमारे मुख्यमंत्री हैं, योगी जी, वे जब पहले सांसद थे तो पार्लियामेंट में इन बच्चों की ज़िंदगी के लिए, जिस तरह से इनकी मृत्यु हो रही थी, उससे वे फूट-फूटकर रोये थे। उस समय की सरकारों से वे याचना करते थे कि इन बच्चों को बचाइए, कुछ व्यवस्था करिए वे रो पड़ते थे।”
ढूंढा गया पुराना वो वीडियो
जब प्रधानमंत्री ने ऐसा कहा तो लगा कि इसमें कुछ तो सच्चाई होगी। फिर सब लगे ढूंढने उस वीडियो को, जिसमें योगी आदित्यनाथ रोए थे। खोजबीन में सिर्फ एक ऐसा वीडियो मिला। वीडियो 12 मार्च 2007 का है। जब बतौर गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ संसद में फूट-फूटकर रोये थे।
तो इसलिए रोये थे योगी
लेकिन वह क्यों रोये थे? क्या दिमागी बुखार से मर रहे बच्चों के लिए या फिर बात कुछ और ही है। दरअसल 2007 में जब उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार थी। गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ थे। उस समय उन्हें 11 दिन के लिए जेल में भेजा गया था। इसी बात का ज़िक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ संसद में फूट-फूट कर रो पड़े थे। और रोते कहा था
“मैं तीसरी बार गोरखपुर से लोकसभा का सदस्य बना हूं। पहली बार मैं 25 हज़ार वोटों से जीता, दूसरी बार 50 हज़ार से और तीसरी बार मैं लगभग डेढ़ लाख मतों से चुनकर आया हूं। लेकिन पिछले कुछ समय से महोदय मुझे जिस तरह से राजनीतिक विद्वेष, राजनीतिक पूर्वाग्रह का शिकार बनाया जा रहा है, मैं आपसे केवल यह अनुरोध करने आया हूं कि क्या मैं इस सदन का सदस्य हूं या नहीं हूं? और क्या ये सदन मुझे संरक्षण दे पाएगा या नहीं दे पाएगा? अगर ये सदन मुझे संरक्षण नहीं दे सकता है तो मैं आज ही सदन को छोड़कर वापस जाना चाहता हूं।मेरे लिए कोई महत्व नहीं रखता। मैंने अपने जीवन से संन्यास लिया है अपने समाज के लिए। मैंने अपने परिवार को छोड़ा है। मैंने अपने मां-बाप को छोड़ा है।लेकिन आज मुझे अपराधी बनाया जा रहा है। केवल राजनीतिक पूर्वाग्रह के तहत।सिर्फ इसलिए क्योंकि मैंने वहां भ्रष्टाचार के मामले उजागर किए थे. क्योंकि मैंने भारत-नेपाल सीमा पर ISI और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर आवाज उठाई थी।” लेकिन उस दौरान बच्चों की मौत या दिमागी बुखार का ज़िक्र कहीं भी नहीं हुआ था।