logo

Jharkhand Corona Update: प्रदेश में अभी भी 2.37 लाख लोगों का वैक्सीनेशन बाकी, धीमी है रफ्तार

10192news.jpg
द फॉलोअप टीम, रांची:

वैक्सीनेशन की प्रक्रिया अभी भी धीमी है। राज्य में  2.47 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगनी है। ऐसे में वैक्सीन महाअभियान के छठे दिन शनिवार को पड़ोसी राज्यों से अगर  तुलना की जाए तो  झारखंड में सबसे कम लोगों का टीकाकरण हुआ। 6 महीने में 65 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुका है।

केवल 10 लाख लोगों को लगा है दूसरा डोज
उसमे से सिर्फ 10 लाख लोग ऐसे है जिनको वैक्सीन का दूसरा डोज भी लग गया है। इसका मतलब 2.37 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन अभी बाकी है क्योंकि जब तक सबको दूसरी डोज भी नहीं लग जाती तब तक वैक्सीनेशन अधूरी मानी जाएगी है। झारखंड को 4.74 करोड़ डोज की जरूरत होगी। 

लोगों में हर्ड इम्युनिटी बढ़ानी होगी
55 लाख लोग ऐसे हैं जिनको एक डोज लग चुकी है। राज्य को  4.19 करोड़ डोज चाहिए। जुलाई में झारखंड को 33 लाख टीका केंद्र सरकार की तरफ से दिया जायेगा। अनुमान भी लगाया जाए तो सबको वैक्सीन मिलने में करीब 13 महीने का समय लग जाएगा जबकि हर्ड इम्युनिटी के लिए 60 फीसदी वैक्सीनेशन जरूरी है। हर्ड इम्युनिटी का मतलब ये है कि जब बीमारी बड़ी आबादी में फैल जाती है तो लोगों की सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (हर्ड इम्युनिटी) उस बीमारी के संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद करती है।

जान लीजिए क्या होती है हर्ड इम्युनिटी
हर्ड इम्युनिटी लगभग 60 फीसदी आबादी का वैक्सिनेशन होने और एंटीबॉडी तैयार होने के बाद विकसित होती है। इसके लिए 1.48 करोड़ लोगों को दोनों डोज लगाने पड़ेंगे। जुलाई के ही 33 लाख वैक्सीन उपलब्धता के हिसाब से हर्ड इम्युनिटी भी बनने में लगभग 5 माह लगेंगे। अगर केंद्र जुलाई के बाद वैक्सीन दोगुनी यानी 66 लाख कर दे तो 6 माह में वैक्सिनेशन पूरा हो जाएगा।

टीकाकरण में झारखंड के साथ भेदभाव! 
​​मुश्किल ये है कि राज्य के पर्याप्त मात्रा में टीका नहीं है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री कई बार आरोप लगा चुके हैं कि केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के नागरिकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा था कि राज्य को जितने टीके की जरूरत है केंद्र द्वारा उतना मुहैया नहीं करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी हरसंभव टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में लगे हैं।