द फॉलोअप टीम, बिहार 
आपने अंगुलिमाल डाकू के बारे में जरूर सुना होगा और उनकी कहानियां किताबों में पढ़ी होगी। अंगुलिमाल एक खूंखार डाकू था जो मगध देश के जंगल में रहता था। जो भी राहगीर उस जंगल से गुजरता था, वह उसे रास्ते में लूट लेता था और उसे मारकर उसकी एक उंगली काटकर माला के रूप में अपने गले में पहन लेता था। इसी कारण लोग उसे 'अंगुलिमाल' कहते थे। लेकिन बिहार में इनदिनों एक दूसरा अंगुलिमाल सुर्ख़ियों में है। बिहार के जहानाबाद जिले के रहने वाले अनिल शर्मा उर्फ़ अली बाबा दूसरों की अंगुली तो नहीं बल्कि खुद की अंगुली काटकर सुर्ख़ियों में हैं।

क्या है मामला  
दरअसल बिहार के जहानाबाद जिले के घोषी थाना क्षेत्र के वैना गांव में रहने वाले 45 साल के अनिल शर्मा उर्फ अली बाबा अपनी एक अंगुली काटकर डाक बाबा के मंदिर में चढ़ा देते हैं. बताया जाता है कि अनिल कुमार उर्फ अलीबाबा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे बड़ा फैन हैं। जब-जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनते हैं तब-तब वह अपनी एक उंगली काट कर मंदिर में चढ़ावे के रूप में चढ़ा देते हैं। इस बार अनिल शर्मा उर्फ अली बाबा ने अपनी चौथी अंगुली काटकर दान कर दी है। बताया जाता है कि इन्होंने सबसे पहले 2005 में नीतीश कुमार जब पहली बार मुख्यमंत्री की शपथ लिए थे, तब अपनी पहली अंगुली काटी। फिर उसने 2010 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने के बाद उसने अपनी उंगली काट ली फिर उसने 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी अपनी उंगली काटी थी। 

कटी हुई उंगली को गंगा में बहा देते हैं  
अनिल शर्मा उर्फ़ अली बाबा ने स्थानीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि अपनी उंगली काटकर मंदिर में चढ़ाने के बाद वे गंगा में प्रवाहित कर देते हैं। अनिल ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम करने के तौर तरीके से वे काफी प्रभावित हैं और उनके बड़े समर्थक हैं इसलिए वे ऐसा करते हैं।  

एग्जिट पोल देकर हो गए थे उदास 
अनिल शर्मा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 2020 के चुनाव के बाद एग्जिट पोल देखकर वे उदास हो गए थे। 4 दिनों तक खाना पीना भी छोड़ दिया था। अनिल शर्मा ने बताया कि अगर एग्जिट पोल का अनुमान सही होता तो वे इस बार अपनी गला काट लेते। 

नीतीश से मिलने के बाद ही कराएंगे इलाज 
अनिल की उंगली काटे जाने की सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण उसके घर के पास जमा हो गए लेकिन अनिल ने बताया कि जब तक सीएम उससे नहीं मिलेंगे वो अपना इलाज भी नहीं कराएगा। 

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अपनी संपत्ति बेचकर नीतीश का किया प्रचार 
अनिल के गांव के ग्रामीणों ने बताया कि वो कहीं बाहर काम करता था लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही गांव आकर उसने अपनी संपत्ति बेची और फिर नीतीश कुमार का प्रचार करने लगा।