द फाॅलोअप टीम, नई दिल्ली
नियोजन नीति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को जल्द से जल्द शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया है। इस बीच पूर्व में दी गयी अंतरिम राहत का आदेश जारी रहेगा।
हाइकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक
बता दें कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। दरअसल, झारखंड हाइकोर्ट की फूल बेंच ने राज्य सरकार की नियोजन नीति को गलत करार देते हुए नियोजन नीति के तहत 13 जिलों में हुई हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति को रदद् करने का आदेश दिया था।
नियोजित शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले को दी थी चुनौती
हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ नियोजन नीति के तहत नियुक्ति शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाते हुए याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए राज्य सरकार को शिक्षकों को नहीं हटाने का आदेश दिया था।
तीन जजों की बेंच ने की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की तीन न्यायाधीशों की बेंच में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह शामिल रहे। वादियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और राजीव धवन ने पैरवी की।
राज्य सरकार भी जा रही है सुप्रीम कोर्ट
इस मामले में झारखंड सरकार भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है। उम्मीद जतायी जा रही है कि अगली सुनवाई से पहले झारखंड सरकार के द्वारा एसएलपी दायर कर झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी जा सकती है।
मामले पर अगली सुनवाई 23 नवंबर को
इस मामले को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तारीख तय की है।