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कोरोना काल में उपजे आर्थिक संकट का हल करे राज्य सरकार: विभिन्न संगठन

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द फॉलोअप टीम, रांची:
कोराना काल में राज्य में उपजी आर्थिक विपदा के हल के लिए राजधानी के विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक संगठन से जुड़े प्रतिनिधियों ने  राज्य सरकार से आग्रह किया है। यह आग्रह प्रतिनिधियों की एक वर्चुअल मीटिंग में किया गया। इस मीटिंग में सभी ने अपना पक्ष रखा और इस बात की सहमति जताई गई कि वास्तव में कोरोना काल ने देश और राज्य की आर्थिक कमर तोड़ दी है। सारे उद्योग धंधे बंद हो गए हैं जिसके कारण आम लोग बीच आर्थिक तंगी के शिकार है। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लोगों की समस्या से रूबरू कराया जाए और उनके समक्ष कुछ मांगों को रखा जाए, जिसे मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा करें और उसे जनता के हित में लागू करने का प्रयास करें ताकि आर्थिक मंदी का असर राज्य की जनता पर कम से कम पड़े। 

यह हुए वर्चुअल मीटिंग में शामिल
वर्चुअल मीटिंग के सूत्रधार मोहम्मद शाहिद अय्यूबी ने बताया कि मांग पत्र तैयार करने में मीटिंग में शामिल अनिल अंशुमन, नदीम खान, मुबीन रिज़वी, आलोका कुजूर, डॉ मुजफ्फर हुसैन और शिशिर लकड़ा की भूमिका सराहनीय रही। 

यह की गई है मुख्यमंत्री से मांगें
-राशन कार्डधारकों को एक साथ तीन महीने का राशन दिया जाए।
-विभिन्न नगर निकाय, नगर पालिका, वार्ड परिषद आदि द्वारा वसूली जाने वाली राशि को अविलंब माफ किया जाए।
-कोरोना काल के आरंभ से बिजली-पानी बिल माफ किया जाए।
-गृह उद्योग शुरू कराया जाए।
-बेरोजगारी भत्ता प्रत्येक माह खाते में डाला जाए।
-मनरेगाकर्मियों की बकाया राशि का भुगतान अविलंब किया जाए और कार्य शुरू कराया जाए।
-कृषि उत्पादकों और इससे जुड़े लोगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की जाए।
पशुपालकों को भी राहत पैकेज दिया जाए।
-फेरी करने वालों के साथ साथ फुटपाथों के सहारे गुजर बसर करने वालों को अविलंब सहायता राशि मुहैया कराया जाए।
-कोरोना से काल के गाल में समाने वाले स्थानीय को एक तय मुआवजा राशि दी जाए।
-कोरोना योद्धाओं के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि देने में विलंब नहीं हो।
-कोरोना नियंत्रण में लगे सरकारी कर्मचारियों को कोरोना सुरक्षा कवच की कमी नहीं हो।
-गर्भवती महिलाओं को पोषणयुक्त भोजन की व्यवस्था समेत उनके डिलीवरी की उचित सुविधा उपलब्ध हो।
-फल-सब्जी विक्रेता को एक निश्चित समय के लिए व्यापार करने की छूट मिले।
-दवाओं की कालाबाजारी पर अविलंब रोक लगे और दवाओं की कोई कमी नहीं हो।
-जांच केंद्रों पर सख्ती हो ताकि रिपोर्ट की गुणवत्ता बरकरार रहे।
-स्कूल कॉलेज द्वारा वसूल की जाने वाली अवैध राशि पर अविलंब रोक लगे और उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हो।
-स्कूली बच्चों को निशुल्क किताबें दी जाए।
-मेडिकल उपकरणों की महंगाई पर रोक लगे।
-जिलास्तर पर ई-पास की वैधता समाप्त की जाए।