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जिस बगईचा में गुजारी जिंदगी वहां के शहीद स्‍मारक पर अंकित हुआ फादर स्टेन स्वामी का नाम

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द फॉलोअप टीम, रांची : 
मशहूर बुजुर्ग मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्‍टेन स्‍वामी ने अपनी तमाम जिंदगी झारखंड के आदिवासियों के लिए समर्पित कर दी थी। रांची के नामकुम स्थित बगईचा को उन्‍होंने अपना आशियाना बनाया था। आज वो परिसर उनके नाम से मानो अमर हो गया। दरअसल रविवार को फादर स्टेन स्वामी का नाम शहीद शहीद स्‍मारक पत्थर पर अंकित किया गया। उनके साथ कोचांग हत्याकांड के शहीद सुखराम मुंडा और घाघरा हत्याकांड के शहीद रामजीव मुंडा का भी नाम अंकित हुआ। यह शहीद पत्थर बगईचा के बीचोबीच स्थित है, जिसपर शहीदों के नाम अंकित हैं। मौके पर उनके चाहने वालों ने स्टेन स्वामी के कार्यों को भी याद किया। उनके संघर्षों को आगे बढ़ाने की रणनीति भी तय हुई। इस कार्यक्रम का संचालन एक्टिविस्ट आलोका कुजूर कर रही थीं। उनके अलावा अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, मेघनाद अखरा, सुशांतो मुखर्जी, संतोष कीड़ो, फादर टोनी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। 



23 जुलाई को मानव श्रृंखला बनाने पर विचार
आलोका कुजूर ने बताया कि फादर स्टेन के संघर्षों को आगे बढ़ाने के लिए और उनके सपनों को पूरा करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है। इसके लिए कई स्तर पर बैठक हो रही है। साथ ही आंदोलन की रूप रेखा तैयार हो रही है।  23 जुलाई को मानव श्रृंखला बनाने की भी बात हुई है। मासस नेता सुशांतो मुखर्जी ने भी कहा कि राज्य के सभी जिलों में फादर के आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। 



विचाराधीन कैदियों को रिहा करने के लिए उठेेेगी मांग
बगईचा में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि स्टेन की ही तरह जो विचाराधीन कैदी जेल में बंद है, उन्हें रिहा करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। बताया गया कि कई कैदी बहुत ही छोटे जुर्म में सालों से बंद हैं। उनके लिए भी प्रयास किए जाएंगे। इस सभी बातों पर कई स्तर पर बैठक और आंदोलन के माध्यम से सार्थक प्रयास किए जाएंगे।