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वैक्सीन को बताया मोदी का टीका! ग्रामीण इलाकों में फैली अफवाह, टीकाकरण से भाग रहे लोग

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द फॉलोअप टीम, रांची:

झारखंड में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया धीमी है। अब तक मात्र 15 प्रतिशत लोगों को ही टीका लगा है। वैक्सीनेशन को लेकर अभी भी कई तरह की अफवाह फैली हैं। कई लोग मानते है कि वैक्सीन लेने से प्रजनन शक्ति कम होती है, कोई कहता है कि वैक्सीन में सूअर की चमड़ी है, कोई कहता है वैक्सीन लेने से मर जायेंगे तो कोई इसे नरेंद्र मोदी का टीका कह रहा है। इसकी वजह से भी मुश्किल आ रही है। 

टीकाकरण से मौत की अफवाह फैली
कई गावों में अब भी कोरोना टीका को लेकर अफवाह फैली है। कांके प्रखंड के कोकदोरो गांव के मो. नसीम ने बताया कि गांव में अफवाह है कि वैक्सीन लेने से लोग मरे हैं। उरुगुटू बाजार में एक दुकानदार ने बताया कि मनरेगा के वेयर फुट इंजीनियर महमूद अंसारी की मौत वैक्सीन लेने के बाद हुई। इसके बाद से कोई टीका नहीं लेना चाह रहा है। महमूद अंसारी की पत्नी ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि कोरोना जब फैला तो पति सबकी मदद करने जाते थे। लोगों के संपर्क में आने से वह बीमार हो गए। 7 अप्रैल को बुखार आया और सांस लेने में भी दिक्कत हुई, लेकिन हॉस्पिटल नहीं गए। 

महमूद ने टीका नहीं लगवाया था
महमूद अंसारी का घर में इलाज हुआ। 24 अप्रैल को तबीयत ज्यादा ख़राब हुई और उनकी मौत हो गई। पत्नी ने बताया कि महमूद न टीका नहीं लगवाया था।  पूरे गांव में ये अफवाह  फ़ैल गई कि महमूद की मौत टीका लेने के कारण हुई है। जिस युवक ने अफवाह फैलाना शुरू किया था जब उसकी बात पत्रकारों से हुई तो उसने कहा कि वह नहीं जानता था कि महमूद ने टीका नहीं लिया है।  गांवों में कई तरह की चर्चाएं थी इसलिए उसे भी लगा कि टीका से ही महमूद की मौत हुई है। ।