logo

समीक्षा बैठक: कुपोषित बच्चों और एनीमिया पीड़ित महिलाओं का होगा सर्वे

3143news.jpg
द फॉलोअप टीम, रांचीमंगलवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा की। सीएम ने कहा कि बच्चे परिवार, राज्य और देश के भविष्य होते हैं। बच्चों को कुपोषण से बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। राज्य को हर हाल में कुपोषण मुक्त करने की दिशा में कार्य करना है। राज्य के आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएं। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास हेतु विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं को प्रतिबद्धता के साथ लागू करें। राज्य में  कुपोषित बच्चों और एनीमिया पीड़ित महिलाओं का सर्वे कर पहचान करें तथा हेल्थ वर्कर्स इनका मेडिकल चेकअप करा कर डाटा तैयार करें। 

आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को अंडा खिलाने की हो व्यवस्था 
सीएम ने कहा कि राज्य के आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषाहार कार्यक्रम के तहत बच्चों को अंडा खिलाने की भी व्यवस्था करें। बच्चों के खाने में गुणवत्तापूर्ण पोषक आहार देने पर कार्य योजना बनाएं। जो बच्चे शाकाहारी है उन्हें मौसमी फल इत्यादि उपलब्ध कराएं। बच्चे सहित गर्भवती महिलाएं, धात्री माताओं को पूरक पोषाहार उपलब्ध कर लाभान्वित करें। टेक होम राशन और गर्म भोजन वितरण कार्यक्रम को मजबूती से लागू करें।

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ आम महिलाओं को भी दें
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि  प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ आम महिलाओं को भी मिले यह लक्ष्य बनाएं। सभी वर्ग के गर्भवती एवं प्रसूति महिलाओं को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ मिले यह सुनिश्चित करें। इस योजना के सफल संचालन के लिए प्रचार-प्रसार रेडियो, टीवी चैनल, अखबार इत्यादि में करें। बैठक में विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3960.87 लाख के विरुद्ध अबतक 3749.22 लाख खर्च हुई है। 

पोषण अभियान योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने पोषण अभियान योजना के कार्य प्रगति में तेजी लाने का निर्देश विभाग के पदाधिकारियों को दिया। बैठक में विभागीय सचिव ने बताया कि पोषण अभियान योजना के तहत वर्ष 2022 तक योजना के क्रियान्वयन अधीन 0 से 6 आयु वर्ग के बच्चों में 38.4 प्रतिशत को घटाकर 25% करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अभियान से समयबद्ध तरीके से सेवाएं प्रदान करना, ठोस एवं सघन अनुश्रवण एवं हस्तक्षेप की अवसंरचना के लिए तंत्र को सुनिश्चित किया जा रहा है।

अधिक से अधिक बेटियों को मिले मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ 
हेमन्त सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ अधिक से अधिक गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के बच्चियों को मिले इस निमित्त लोगों को जागरूक करें। गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर-बसर करने वाले परिवारों की बच्चियों को शादी के समय सहायता राशि उपलब्ध कराना पुण्य का कार्य है। ऐसे पात्र परिवारों की किशोरियों का एक डाटा भी बनाएं। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के बजट राशि का शत प्रतिशत खर्च करने का निर्देश दिया।  महिला सशक्तिकरण बालिका शिक्षा पर जोर एवं बाल विवाह कुप्रथा का अंत के उद्देश्य से मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना के स्थान पर मुख्यमंत्री सुकन्या योजना जनवरी 2019 से प्रारंभ की गई है। 

डायन प्रथा का जड से हो उन्मूलन 
मुख्यमंत्री ने कहा कि डायन प्रथा उन्मूलन पर ज्यादा फोकस रखें। जिस क्षेत्र में पिछले 19 सालों में डायन-बिसाइन की ज्यादा घटनाएं हुई हैं उनका सर्वे करें तथा इन क्षेत्रों पर व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाएं। विभागीय प्रधान सचिव ने जानकारी दी कि सामाजिक कुरीति निवारण योजना के अंतर्गत डायन प्रथा उन्मूलन हेतु वृहद स्तर पर सेमिनार का आयोजन तथा विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाता है। दहेज प्रथा का अंत एवं विवाह में फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के उद्देश्य से योजना अंतर्गत "सामूहिक विवाह कार्यक्रम" संचालित किया जाता है। अंतिम संस्कार के लिए भी अनुदान दिया जाता है।

बाल संरक्षण योजना के तहत एक मॉडल तैयार करें
सीएम ने बाल संरक्षण योजना की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि  बाल संरक्षण योजना के तहत एक मॉडल तैयार करें जिसमें हर गांव के अनाथ बच्चों की परवरिश के लिए उसी गांव की विधवा बहनों तथा वैसे व्यक्ति जो परिवार में अकेले हैं उन्हें जोड़ें। इस तरह के मॉडल तैयार होने से बच्चों को एक पारिवारिक माहौल मिलेगा। इससे बच्चों की परवरिश भी अच्छी हो सकेगी और विधवा बहनों तथा परिवार में अकेले रहने वाले व्यक्तियों को भी सामाजिक सुरक्षा के साथ जोड़ा जा सकेगा।