द फॉलोअप टीम, रांची :
2017 में परीक्षा देने के बाद अभी तक परिणाम का इंतजार कर रहे PRT शिक्षकों ने अपनी नियुक्ति प्रक्रिया में देरी के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेवोर ठहराया है। उन्होंने कहा है कि नियुक्ति से संबंधित फाइल मुख्यमंत्री के पास है। कार्मिक विभाग की सिचव ने उन्हें यह जानकारी दी है। इधर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि कार्मिक विभाग से फाइल शिक्षा विभाग में आने के बाद ही वे कुछ कर सकते हैं। अभ्यर्थियों ने गुरुवार सुबह को ही शिक्षा मंत्री मुलाकात की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि मुख्यमंत्री उनसे मिलते नहीं हैं, जेएसएससी कहती है कि उन्हें कार्मिक के आदेश का इंतजार है और शिक्षा मंत्री बस आश्वासन दे रहे हैं। ऐसे में उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है ‘गैर अनुसूचित जिलों के लोगों की नियुक्ति पर रोक नहीं’
शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि 11 गैर अनुसूचित जिलों में नियुक्ति पर किसी तरह की रोक नहीं है। कोर्ट की कॉपी लेकर अभ्यर्थी विभाग और मंत्रियों के आवास के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनकी नियुक्ति से संबंधित कोई रास्ता निकलता नहीं दिख रहा है। बता दें कि नियुक्ति प्रक्रिया में लेटर संख्या 1044 के जारी करने के बाद प्रक्रिया में पेंच आई है, जिसके बारे में अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार जानबूझ कर ऐसा कर रही है ताकी नौकरी नहीं देनी पड़े।
आज कैबिनेट की बैठक के दौरान प्रोजेक्ट भवन का घेराव करेंगे शिक्षक अभ्यर्थी
इन शिक्षकों की नियुक्ति की अनुशंसा झारखंड विधानसभा ने की थी। इसी के आधार पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया इस सितंबर महीने तक चली है। अभ्य़र्थियों का कहना है कि यदि नियुक्ति नियमावली में कोई पेंच है, तो फिर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया क्यों जारी है। इन्हीं बातों को लेकर आज कैबिनेट की बैठक के दौरान वे प्रोजेक्ट भवन का घेराव करेंगे और मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगे।