द फॉलोअप टीम, पटना:
लोजपा का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। चिराग पासवान आज भी जनता की पहली पसंद बने हुए हैं। जिसकी तस्दीक आज भी हुई। पारस गुट को बैठक के लिए जगह बदलनी पड़ी। अंत में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सूरजभान सिंह के आवास पर बकौल पारस गुट की लोजपा की कार्यकारिणी की बैठक हुई। सूरजभान को दो दिन पहले ही कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर चुनाव का दायित्व सौंपा गया था। पशुपति कुमार पारस ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया। उन्हें अध्यक्ष चुन भी लिया गया। सिर्फ औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। दूसरी ओर दिल्ली में चिराग पासवान कानून विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं। वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। साथ ही सभी बागियों को बर्खास्त करने की भी योजना है।
प्रिंस राज रहे बैठक से ग़ायब
पारस गुट में शामिल सांसद प्रिंस राज पटना में हुई लोजपा कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं हुए।पांच बागियों में चार ही सूरजभान सिंह के आवास पर चल रही बैठक में पहुंचे। कल ही चिरांग ने कहा था कि प्रिंस उनके मरहूम चाचा के सुपुत्र प्रिंस उनके छोटे भाई ही नहीं, उन्होंने उनको बेटा की तरह माना और चाहा है। चिराग के इस बयान को बैठक में उनके लापता रहने से जोड़ा जा रहा है।
चंदन बोले, पारस का अध्यक्ष बनना तय था
सूरजभान के भाई और लोजपा के सांसद चंदन सिंह ने दावा किया कि पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाना पहले से तय हो गया था। पार्टी के 95 फीसद लोग इस पर सहमत थे। इसलिए नतीजे को लेकर किसी को कोई संशय नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि हर पार्टी और दल का नेतृत्व बदलता है उसी तरह हमारे यहां भी हो रहा है।
सूरजभान बोले, चिराग को ही संभालनी है पार्टी
सूरजभान सिंह के आवास पर भले पारस गुट की बैठक हुई। उनके भाई चंदन सिंह उस गुट में शामिल हैं। पारस गुट द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष असली लोजपा होने का दावा करने की बात भी कही जा रही हे। पारस और समर्थक सांसद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने भी जा सकते हैं। लेकिन चुनाव से पहले कल पत्रकारों से पूछने पर सूरजभान ने कहा था कि लोजपा में और परिवार में कोई टूट नहीं है। चिराग में अभी परिपक्वता नहीं हैं। पारस जी अभी कमान संभालेंगे। बाद में तो पार्टी चिराग को ही संभालनी है।