द फॉलोअप डेस्क
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 का परिणाम आ चुका है। इस बार जमशेदपुर पश्चिम सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प था। यहां एक ओर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता इंडिया गठबंधन की तरफ से मैदान में उतरे थे। वहीं, दूसरी ओर जदयू से सरयू राय को प्रत्याशी बनाया गया था। 23 नवंबर को वोटों की गिनती के बाद सरयू राय की जीत की घोषणा हुई। इसके बाद से ही पूरे शहर में चर्चा होने लगी कि ईस्ट और वेस्ट सरयू राय बेस्ट। ऐसा इसलिए क्योंकि सरयू राय वह नेता हैं, जिन्होंने पिछली बार 2019 के विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी सीट से मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था। फिर इस बार उन्होंने जमशेदपुर पश्चिम से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को शिकस्त दी।क्या है सरयू राय की जीत का कारण
बता दें कि बन्ना गुप्ता ने चुनाव से पहले ही अपने जीत का दावा कर दिया था। लेकिन शनिवार को मतगणना शुरू होने से लेकर अंत तक बन्ना गुप्ता सरयू राय से पिछड़ते रहे। मीडिया रिपोर्ट् की माने तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को गुमान था कि सरयू राय JDU से चुनाव लड़ रहे हैं और इस क्षेत्र में JDU का कोई वजूद नहीं है। इस कारण जनता सिलेंडर चुनाव चिह्न पर उन्हें स्वीकार नहीं करेगी। लेकिन सरयू राय की साफ-सुथरी छवि और जनता के प्रति समर्पण को वोटरों ने स्वीकारा। इसका उन्हें भरपूर समर्थन मिला और सरयू राय विजयी हुए।पिछले चुनाव में मुख्यमंत्री को हराया
जमशेदपुर पूर्वी में 1995 से लगातार भाजपा को जीत मिलने के बाद ऐसा कहा जाने लगा कि 2019 के चुनाव में किसी को भी कमल चुनाव चिह्न देने पर वह चुनाव जीत जाएगा। लेकिन सरयू राय ने इस मिथक को तोड़ा और निर्दलीय प्रत्याशी बनकर करीब 16 हजार मतों से मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था।
इस चुनाव स्वास्थ्य मंत्री को किया पराजित
वहीं, इस चुनाव में भी सरयू राय ने अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा। इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों ने पूरे राज्य में लगभग हर स्थान पर उन्हें जीत दिलाई। लेकिन जमशेदपुर पश्चिम में सरयू राय के आगे उनकी आंधी भी नहीं चल पायी। सरयू की आंधी में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता नहीं बच पाए। साल 2019 में बन्ना गुप्ता ने इसी सीट से जीत हासिल कर विधानसभा तक का सफर तय किया था। लेकिन उस वक्त सरयू राय ने भाजपा का साथ छोड़कर जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ा था और भाजपा नेता सह तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था।