द फॉलोअप टीम, गोड्डा:
पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने महिला एंव बाल विकास मंत्री जोबा मांझी को पत्र लिखा है। उन्होने पत्र के जरिये सेविकाओं और सहायिकाओं के अधिकारों की मांग की है। उनका कहना है कि पूरे देश में छह वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएँ, धात्री माताएँ एवं किशोरी बालिकाओं को पौष्टिक आहार एवं अन्य चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत सेविका, सहायिका एवं पोषण सखियों का अहम योगदान है। पहले आंगनबाड़ी केन्द्र सेविका एवं सहायिका के माध्यम से संचालित होती थी अब भारत सरकार ने बच्चों को टीकाकरण, स्वास्थ्य संबंधी डाटाबेस एवं आंगनबाड़ी के माध्यम से अन्य कामों की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्र में एक पोषण सखी बहाल करने का निर्देश सभी राज्यों को दिया है।
पोषण सखियों का मानदेय को बंद
प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य में भी सभी केन्द्रों में पोषण सखियाँ कार्यरत है लेकिन भारत सरकार ने एकाएक इन पोषण सखियों के मानदेय को बंद कर दिया है । 8 माह से मानदेय नही मिला है। कुछ जिलों में राज्य सरकार ने दशहरा से पहले एक-दो माह का आंतरिक व्यवस्था कर मानदेय उपलब्ध कराया है परन्तु अधिकांश जिलों में कई महिलाएं अभी भी वंचित है। इस कारण पोषण सखी मजबूरी में आंदोलन किया।
मानदेय देने का आग्रह
प्रदीप यादव ने आग्रह करते हुए लिखा है कि पोषण सखियों का मानदेय भुगतान हो पाये इसके लिए भारत सरकार पर दबाव बनाया जाय । जिससे बकाया मानदेय का भुगतान हो सके और साथ ही आगे यह व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके इस हेतु समुचित निर्णय लें।