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स्मरण : जन नायक महेंद्र सिंह के शहादत दिन को माले ने संकल्प दिवस के रूप में मनाया

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द फॉलोअप टीम, रांची:

जननायक महेंद्र सिंह के 17 वें शहादत दिवस को आज भाकपा माले ने झारखंड में संकल्प दिवस के रूप में  मनाया।कोविड संक्रमण के कारण बडी जनसभा की बजाय सभी प्रखंडों में विकेंद्रित श्रृद्धांजली सभा की गई। गिरिडीह के बगोदर में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने महेंद्र सिंह की आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण किया। 10 सूत्री संकल्प पत्र को पारित कर मजदूर किसान विरोधी केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया गया। इसके साथ ही आज ही दिवंगत हुईं महेंद्र सिंह की पत्नि शान्ति देवी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

 

 

 

हिंसा और नफरत नहीं एकता सद्भाव की जरुरत: माले

इधर, रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर भाकपा माले, मासस, राजद, भाकपा, माकपा, झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा, बगाईचा समेत विभिन्न राजनीतिक-सामाजिक जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जननायक महेंद्र सिंह की तस्वीर पर मल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। एक मिनट का मौन रखा गया। लोक गायिका सीमा साहू ने शहीद जनगीत सुनाए। पार्टी पालित ब्यूरो के सदस्य जनार्दन प्रसाद ने कहा कि महेंद्र सिंह व्यक्ति नहीं विचारधारा का नाम है, जो लगातार शोषित वंचितों और मेहनत कशों के अधिकारों की आवाज सड़कों से लेकर सदन तक मजबूती से उठाते रहे। वे आज की खरीद फरोख्त की राजनीति के दौर में जन पाक्षीय राजनीतिक मूल्यों और आदर्शों के लिए हमेशा याद किए जाते रहेगें।

 

 

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महेन्द्र सिंह के सपनों का झारखंड के लिए संघर्ष जरूरी

राजद नेता राजेश यादव ने कहा की  राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ़ भी बेबाकी से आवाज़ उठाते रहे हैं। झारखण्ड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के राजू महतो ने कहा कि झारखंड में जल, जंगल, ज़मीन के मुद्दों पर संघर्ष जारी है। एक ना एक दिन महेन्द्र सिंह का सपनों का झारखंड साकार होगा। एआईपीएफ नेता ने नदीम खान ने कहा कि आज देश में हिंसा और नफरत की राजनीति की कोई जगह नहीं है। महेन्द्र सिंह को याद करने का मतलब देश में  एकता सद्भाव के लिए भगत सिंह और महेंद्र सिंह के हर कदम डट कर खड़ा रहना है। श्रद्धांजलि सभा को बगईचा के निदेशक फादर टोनी, माले जिला सचिव भुवनेश्वर केवट, आदिवासी संघर्ष मोर्चा जगरनाथ उरांव, मासस के सुशांतो मुखर्जी, भाकपा के जिला सचिव अजय सिंह, माकपा मजदूर नेता एसके राय, आदिवासी मूलवासी मोर्चा के आजम अहमद, आंदोलनकारी पुष्कर महतो, सामाजिक कार्यकर्ता आलोका कुजुर, सुशीला तिग्गा, इकबाल हुसैन, राजेंद्र कांत महतो, भीम साहू , इनामुल हक, मोहम्मद बाबर, मेवा लकड़ा समेत कई नेताओ ने संबधित किया।